अब थल-नभ नहीं, जल में भी होंगे मजबूत: युद्धपोतों पर तैनात होंगे अमेरिका के 127 मिमी मीडियम कैलिबर गन 

ये बंदूकें अमेरिकी बीएई सिस्टम से निर्मित हैं. भारत 11 ऐसे हथियारों को अमेरिका से खरीदने की ओर बढ़ाए कदम

अब थल-नभ नहीं, जल में भी होंगे मजबूत: युद्धपोतों पर तैनात होंगे अमेरिका के 127 मिमी मीडियम कैलिबर गन 

चीन से जारी सीमा विवाद के बीच भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ने वाली है. अमेरिका ने भारतीय नौसेना के युद्धपोतों को तत्काल कैलिबर बंदूकों से लैस करने पर सहमति दे दी है. सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि भारत अमेरिकी नौसेना के कैलिबर गन को लेने की ओर कदम बढ़ा रहा है. इन हथियारों को युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा. 127 मिमी मीडियम कैलिबर बंदूकें अमेरिकी बीएई सिस्टम द्वारा निर्मित की जाती हैं. भारत 11 ऐसे हथियारों को खरीदने के लिए अमेरिका के साथ चर्चा कर रहा है. ये डील 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर की होगी.

भारत ने ग्यारह 127 मिमी मीडियम कैलिबर गन हासिल करने के लिए अमेरिकी सरकार को एक पत्र भी लिखा है. अमेरिकी प्रशासन को लिखी गई चिट्ठी के मुताबिक भारतीय नौसेना को पहली तीन बंदूकें अमेरिकी नौसेना के स्टॉक से देने की मांग की गई है, जिससे भारतीय नौसेना की युद्धपोतों को इसे जल्द से जल्द लैस कर दिया जाए. अमेरिका और भारत के रक्षा संबंध लगातार मजबूत होते जा रहे हैं. हाल ही में भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी के वास्ते अपने बेड़े में अमेरिका से लीज पर दो प्रीडेटर ड्रोन शामिल किए हैं. 30 घंटे से अधिक समय तक निगरानी करने में सक्षम ये ड्रोन भारतीय नौसेना के आईएनएस राजली एयरबेस पर तैनात किए गए हैं. ये दोनों दो प्रीडेटर ड्रोन नवंबर के मध्य में भारत पहुंचे और नवंबर के तीसरे सप्ताह में इन्होंने काम करना शुरू कर दिया. सूत्रों ने बताया कि भारतीय नौसेना ने अमेरिकी ड्रोन के साथ लीज समझौते के तहत इन्हें हासिल किया है.