सुपरटेक Twin टावर गिराने के खिलाफ याचिका खारिज, 5 लाख का Fine ठोंका

सुपरटेक Twin टावर गिराने के खिलाफ याचिका खारिज, 5 लाख का Fine ठोंका
इन दोनों टावरों में  915 अपार्टमेंट हैं और 21 दुकानें हैं। सुप्रीम कोर्ट ने  31 अगस्त  2021 को सुपरटेक को इन टावरों को तीन महीने के भीतर गिराने का आदेश देते हुए दो महीने के अंदर इनके खरीदारों को उनका पैसा वापस करने को कहा था। 

1 अगस्त 22। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नोएडा में 40 मंजिला सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) को ढहाने जाने के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है। नाराज सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता संगठन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जुर्माने का उपयोग उन वकीलों के परिवार के लाभ के लिए किया जाना चाहिए जो कोरोना वायरस (COVID-19) से प्रभावित हुए हैं।

नोएडा प्राधिकरण के वकील ने बताया कि पिछली बैठक के बाद से अब तक क्या-क्या हुआ है, इस पर हमने एक स्थिति रिपोर्ट दायर की है। एक बैठक 7 जून को और दूसरी 19 जुलाई को हुई थी। वकील ने कोर्ट को बताया कि एडिफिस इंजीनियरिंग ने आश्वासन दिया कि 21 अगस्त 2022 को दोपहर 2.30 बजे विध्वंस होगा।

इन दोनों टावरों में  915 अपार्टमेंट हैं और 21 दुकानें हैं। सुप्रीम कोर्ट ने  31 अगस्त  2021 को सुपरटेक को इन टावरों को तीन महीने के भीतर गिराने का आदेश देते हुए दो महीने के अंदर इनके खरीदारों को उनका पैसा वापस करने को कहा था। 

2 अगस्त से लगाया जाएगा विस्फोटक 

सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) को गिराने की तारीख पर आखिरी मुहर लग चुकी है। टावर में विस्फोटक (Explosive) लगाने का काम बाकी रह गया है। वो भी 2 अगस्त से शुरू हो जाएगा। नागपुर से लाकर विस्फोटक को नोएडा (Noida) से करीब 70 से 80 किमी दूर हरियाणा के पलवल में रखा गया है। जितनी जरूरत होगी रोजाना उतना ही विस्फोटक आएगा।

 हर रोज शाम बाकी बचे हुए विस्फोटक को वापस पलवल (Palwal) भेज दिया जाएगा। विस्फोटक लगाने के दौरान टावर की सुरक्षा बढ़ा दी जाएगी। तकनीशियनों के अलावा किसी और को टावर के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी।

किसी भी नुकसान के लिए 100 करोड़ का बीमा किया गया

एडिफिस इंजीनियरिंग ने टावरों के विध्वंस से होने वाले किसी भी नुकसान को कवर करने के लिए 100 करोड़ रुपये का बीमा किया है। बता दें कि 12 जनवरी को शीर्ष अदालत ने 40 मंजिल के इन दो टावरों को ध्वस्त न करने के अपने आदेश का पालन नहीं करने को लेकर बिल्डर की खिंचाई की थी, जिसमें कहा गया था कि इन टावरों को मानदंडों का उल्लंघन करके बनाया गया है। इसके बाद सुपरटेक ने टावरों को गिराए जाने की तारीख के बारे में सुप्रीम कोर्ट को बताया।