स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के जन्मदिन पर 10 मार्च को माधव नेशनल पार्क में छोड़े जाएंगे बाघ

शिवपुरी में सन 1958 में माधव नेशनल पार्क बनाया गया था, करीब 354 वर्ग किलोमीटर में फैला है नेशनल पार्क

स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के जन्मदिन पर 10 मार्च को माधव नेशनल पार्क में छोड़े जाएंगे बाघ

ग्वालियर। शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में जल्द ही बाघों की दहाड़ सुनाई देगी। स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के जन्मदिन के मौके पर 10 मार्च को यहां बाघ छोड़े जाएंगे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां बाघों को पार्क में छोड़ेंगे। माधव नेशनल पार्क में 5 बाघ छोड़े जाएंगे। सिंधिया ने उम्मीद जताई कि माधव नेशनल पार्क में बाघ आने के बाद ग्वालियर चंबल अंचल में फॉरेस्ट टूरिस्ट को बढ़ावा मिलेगा।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा पूरे 25 साल के बाद शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में टाइगर की गूंज सुनाई देगी। स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के जन्मदिन के मौके पर 10 मार्च को बाघ लाए जाएंगे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय मंत्री, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वन मंत्री विजय शाह, माधव नेशनल पार्क में बाघों को छोड़ेंगे।

माधव नेशनल पार्क में 25 साल से नहीं हैं बाघ -
शिवपुरी में सन 1958 में माधव नेशनल पार्क बनाया गया था। करीब 354 वर्ग किलोमीटर में फैले इस नेशनल पार्क में शुरुआती वक्त में बाघ थे। लेकिन धीरे धीरे सब खत्म हो गए और करीब बीते 25 साल से इस पार्क में बाघ नहीं थे। 5 बाघों के आने के बाद माधव नेशनल पार्क में सैलानियों की आमद भी बढ़ेगी। सिंधिया के मुताबिक ग्वालियर चंबल फॉरेस्ट टूरिस्ट सर्किट के तौर पर डिवेलप हो रहा है। श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीते आने के बाद सैलानियों की तादाद बढ़ रही है। तो वहीं अब माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में बाघ आने के बाद पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।

श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में कुल 20 चीते -
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिन पर नामीबिया से लाए गए 8 चीते छोड़े गए थे। पीएम मोदी ने चीतों को पार्क में छोड़ा था। उसके बाद अभी हाल ही में 18 फरवरी को अफ्रीका से लाए गए 12 और चीतों को छोड़ा गया। इस तरह कुल मिलाकर कूनो पार्क में अब 20 चीते हो गए हैं।