कल को आप कोर्टरूम भी खोद दोगे, बुलडोजर पर कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

कल को आप कोर्टरूम भी खोद दोगे, बुलडोजर पर कोर्ट की तल्ख टिप्पणी
गुवाहाटी कोई कोर्ट ने गुलडोजर की कार्रवाई पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहाा कि एक दिन ऐसा भी आएगा कि आप लोग कोट रूम भी खोद देंगे। कोर्ट ने कहा कि किसी की घर की तलाशी के लिए भी अनुमति की जरूरत पड़ती है। लेकिन अगर लोगों के घर इस तरह से तोड़े जाएंगे को देश में कोई भी सुरक्षित नहीं है।

20 नवंबर 22। गुवाहाटी हाई कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि भले ही कोई एजेंसी किसी बेहद गंभीर मामले की ही जांच क्यों न कर रही हो, किसी के मकान पर बुलडोजर चलाने का प्रावधान किसी भी आपराधिक कानून में नहीं है। चीफ जस्टिस आरएम छाया ने असम के नगांव जिले में आगजनी की एक घटना के आरोपी के मकान को गिराए जाने के संबंध में सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, 'हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हैं। मकानों पर इस तरह से बुलडोजर चलाने की घटनाएं फिल्मों में होती हैं, उनमें भी, इससे पहले तलाशी वॉरंट दिखाया जाता है।'

दरअसल, स्थानीय मछली व्यापारी सफीकुल इस्लाम की कथित रूप से हिरासत में मौत के बाद भीड़ ने 21 मई को बटाद्रवा थाने में आग लगा दी थी। इस्लाम को एक रात पहले ही पुलिस लेकर गई थी। इसके एक दिन बाद जिला प्राधिकारियों ने इस्लाम सहित कम से कम छह लोगों के मकानों को उनके नीचे कथित तौर पर छिपाए गए हथियारों और नशीले पदार्थों की तलाश के लिए ध्वस्त कर दिया था और इसके लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया था। कोर्ट ने कहा कि किसी के घर की तलाशी लेने के लिए भी अनुमति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, 'कल अगर आपको कुछ चाहिए होगा, तो आप मेरे अदालत कक्ष को ही खोद देंगे।' चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर जांच के नाम पर किसी के घर को गिराने की अनुमति दे दी जाती है तो कोई भी सुरक्षित नहीं रहेगा। इस मामले पर अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।