आतंकियों की कमर तोड़ने बनाया फूल-प्रूफ प्लान, जानें क्या है योजना

आतंकियों की कमर तोड़ने बनाया फूल-प्रूफ प्लान, जानें क्या है योजना
पैसे की जरूरत हर किसी को होती है। कुछ भी खरीदना हो, या कहीं भी जाना हो फंड चाहिए। आतंकियों के केस में भी यही होता है। येन-केन प्रकारेण आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए टेरर फंडिंग सबसे बड़ा स्रोत बनता है। बिना इसके आतंकी पटाखा भी नहीं फोड़ सकते। अब भारत ने वैश्विक मंच से इस दिशा में एक बड़ी पहल की है।

20 नवंबर 22। पाकिस्तान में आतंकियों की फसल तैयार होने और चीन के सपोर्ट करने के ट्रेंड को कुचलने के लिए भारत ने बड़ा प्लान तैयार किया है। भारत को पता है कि आतंकियों की कमर तोड़ने के लिए उनको मिलने वाली फंडिंग के रास्ते सबसे पहले बंद करने होंगे। ऐसे में ‘नो मनी फॉर टेरर’ (NMFT) के लिए एक स्थायी सचिवालय तैयार करने का प्रस्ताव रखा गया है।

खास बात यह है कि दिल्ली में जिस कार्यक्रम में इस पर बात हुई, उसमें चीन और पाकिस्तान दोनों मौजूद नहीं थे। पाकिस्तान को बुलाया नहीं गया था और चीन आया नहीं। ऐसे में एक बड़े प्लान की तरफ भारत आगे बढ़ गया।

गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि NMFT पर सदस्य देशों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है। यह प्रस्तावित सचिवालय फाइनेंशल ऐक्शन टास्क फोर्स जैसे बहुपक्षीय संगठनों के साथ मिलकर काम करेगा। एक अनुमान के अनुसार दुनियाभर में हर साल अपराधियों के पास करीब 2 से 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचता है और इसका बड़ा हिस्सा आतंकवाद बढ़ाने में खर्च किया जाता है।

शाह ने बताया कि भारत जल्द ही सभी देशों को इससे संबंधित एक पेपर सौंपेगा, जिससे उनकी राय ली जा सके। उन्होंने कहा, 'चर्चा के दौरान भारत ने महसूस किया है कि आतंकवाद के लिए फंडिंग पर अंकुश लगाने के लिए इस अनोखी NMFT पहल को एक स्थायी रूप दिया जाए। अब एक स्थायी सचिवालय की स्थापना का समय आ गया है।' भारत का मानना है कि इसकी मदद से आतंकियों की फंडिग रोकने के लिए दुनियाभर के देश बेहतर तरीके से समन्वय स्थापित कर सकेंगे। प्रस्ताव अभी शुरुआती चरण में है।