पश्चिम बंगाल : कांग्रेस को बड़ा झटका, टीएमसी ज्वाइन कर सकते हैं छह सांसद

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगने वाला है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के 3 मौजूदा लोकसभा सांसद और तीन पूर्व राज्यसभा सांसद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेतृत्व के संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि वे जल्द ही टीएमसी में शामिल हो सकते है।

पश्चिम बंगाल : कांग्रेस को बड़ा झटका, टीएमसी ज्वाइन कर सकते हैं छह सांसद
कांग्रेस के तीन मौजूदा लोकसभा सदस्य और तीन पूर्व राज्यसभा सदस्य तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेतृत्व के संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी जल्द ही ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो सकते है।

10 जुलाई 22। संसद के मानसून सत्र से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। कांग्रेस के तीन मौजूदा लोकसभा सदस्य और तीन पूर्व राज्यसभा सदस्य तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेतृत्व के संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी जल्द ही ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो सकते है। सूत्रों ने बताया कि वे बीते कुछ समय से टीएमसी नेतृत्व के संपर्क में हैं। हालांकि, पार्टी ने अभी तक इस मामले में कोई फैसला नहीं किया है। संभावना जताई जा रही है कि टीएमसी यह मौका नहीं गंवाना चाहेगी। जल्द ही इन सभी को पार्टी में शामिल कर लिया जाएगा।

यशवंत सिन्हा को 220 से ज्यादा विधायकों का मिलेगा समर्थन
टीएमसी के करीबी सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी को विश्वास है कि कुछ विपक्षी विधायक राष्ट्रपति चुनाव के लिए यशवंत सिन्हा के पक्ष में मतदान करेंगे और उन्हें (सिन्हा) राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा के 220 से अधिक विधायकों का समर्थन मिलेगा। सूत्रों ने बताया कि पार्टी को उम्मीद है कि राज्य के कुछ विपक्षी सांसद भी सिन्हा के पक्ष में मतदान कर सकते हैं।

बंगाल के बाहर पार्टी का विस्तार
ममता बनर्जी के पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल के बाहर पार्टी का विस्तार करने की योजना को अंतिम रूप दिया गया है। इसके लिए टीएमसी ने मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी में हाल में शामिल होने वाले मुकुल संगमा, क्रिकेटर से राजनेता बने कीर्ति आजाद और बाबुल सुप्रियो को प्रवक्ता नियुक्त किया है।

TMC ने शिंजो आबे हत्याकांड को अग्निपथ योजना से जोड़ा
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के मुखपत्र 'जागो बांग्ला' के प्रथम पृष्ठ पर अग्निपथ योजना को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो एबी की हत्या से जोड़ा गया। लेख में कहा गया है कि शिंजो आबे की हत्या भारत की अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रतिरोध को मजबूत करेगी क्योंकि आबे की हत्या करने वाले व्यक्ति ने बिना पेंशन के तहत सेना में काम किया था।