ग्वालियर को यूनेस्को से सिटी ऑफ म्यूजिक का तमगा, संगीत प्रेमियों में खुशी की लहर

ग्वालियर भारत का पहला यूनेस्को "सिटी ऑफ़ म्यूजिक" शहर बन गया

ग्वालियर को यूनेस्को से सिटी ऑफ म्यूजिक का तमगा, संगीत प्रेमियों में खुशी की लहर

UNESCO (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन) ने ग्वालियर को ‘सिटी ऑफ म्यूजिक’ के रूप में मान्यता दी है। यूनेस्को से ग्वालियर को सिटी आफ म्यूजिक का तमगा मिलने के बाद शहर के संगीत कलाकारों और संगीत प्रेमियों में खुशी की लहर है।  आपको बता दे की ग्वालियर को दुनिया भर में संगीत नगरी के रूप में जाना जाता है दरअसल ग्वालियर की संगीत परंपरा समृद्ध है। ग्वालियर को संगीत सम्राट तानसेन और महान बैजू बावरा के चलते दुनियाभर में पहचान मिली है। ग्वालियर में संगीत सम्राट तानसेन का जन्म हुआ था साथ ही बैजू बावरा भी ग्वालियर से ही थे  ग्वालियर में संगीत सम्राट तानसेन की समाधि है, जहां  हर साल अंतरराष्ट्रीय तानसेन संगीत समारोह आयोजित किया जाता है। संगीत सम्राट तानसेन की समाधि और उनका संगीत समारोह दुनिया भर के कला प्रेमियों के लिए किसी तीर्थ स्थल से काम नहीं होता है।  यूनेस्को से ग्वालियर को सिटी आफ म्यूजिक का तमंगा मिलने के बाद ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय के छात्र भी खुश है। 

बाइट- डॉ. राकेश कुशवाहा, रजिस्ट्रार, संगीत विश्विद्यालय