‘आत्मनिर्भर भारत’: ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण, 400 किलोमीटर से अधिक है मारक क्षमता

यह मिसाइल कई स्वदेशी विशिष्टताओं से लैस डीआरडीओ व रूस के एरोस्पेस उपक्रम ने किया संयुक्त रूप से विकसित

‘आत्मनिर्भर भारत’: ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण, 400 किलोमीटर से अधिक है मारक क्षमता

भारत ने ओडिशा स्थित बालासोर प्रक्षेपण स्थल से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। रक्षा सूत्रों कहना है कि यह मिसाइल कई स्वदेशी विशिष्टताओं से लैस है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस संबंध में जारी एक बयान में कहा गया कि स्वदेशी बूस्टर और ‘एअरफ्रेम’ के साथ भारत में निर्मित अन्य उप-प्रणालियों जैसी विशिष्टताओं से लैस सतह से सतह पर मार करने वाली यह क्रूज मिसाइल बालासोर के पास चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) के परिसर तीन से दागी गई। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने बुधवार सुबह साढ़े दस बजे किए गए इस परीक्षण को सफल करार देते हुए कहा कि मिसाइल के प्रक्षेपण के दौरान सभी मानक प्राप्त कर लिए गए, जिसकी मारक क्षमता 400 किलोमीटर से अधिक की है। ‘ब्रह्मोस लैंड अटैक क्रूज मिसाइल’ (एलएसीएम) 2.8 मैक की शीर्ष गति से रवाना हुई।


स्वदेशी उपकरण क्षमता को मजबूत करने में एक बड़ा कदम
बयान में कहा गया कि अत्याधुनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण स्वदेशी उपकरण क्षमता को मजबूत करने में एक और बड़ा कदम है। इसमें कहा गया है कि आज के सफल परीक्षण ने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के तहत शक्तिशाली ब्रह्मोस अस्त्र प्रणाली के स्वदेशी बूस्टर और अन्य स्वदेशी उपकरणों के सिलसिलेवार उत्पादन का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और डीआरडीओ अध्यक्ष ने डीआरडीओ के कर्मियों, ब्रह्मोस टीम और संबंधित उद्योग को इस शानदार प्रदर्शन पर बधाई दी। ब्रह्मोस मिसाइल को जमीन, समुद्र और लड़ाकू विमानों से भी दागा जा सकता है। मिसाइल के पहले विस्तारित संस्करण का सफल परीक्षण 11 मार्च 2017 को किया गया था, जिसकी मारक क्षमता 450 किलोमीटर थी। तीस सितंबर 2019 को चांदीपुर स्थित आईटीआर से कम दूरी की मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल के जमीनी संस्करण का सफल परीक्षण किया गया था। 


पनडुब्बियों, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों व जमीन से दागा जा सकता है 
डीआरडीओ और रूस के प्रमुख एरोस्पेस उपक्रम एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्राह्मोस मिसाइल मध्यम रेंज की रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे पनडुब्बियों, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों तथा जमीन से दागा जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि यह मिसाइल पहले से ही भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना के पास है। इसे दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है।