ट्रेन यात्री ध्यान दें: अब सफर हो सकता है महंगा, ज्यादा व्यस्त स्टेशन से ट्रेन पकड़ने पर देना होगा एक्स्ट्रा चार्ज

यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के नाम पर रेवेन्यू बढ़ाने की कवायद, करीब 1050 रेलवे स्टेशनों में लगाया जा सकता है यूजर चार्ज

ट्रेन यात्री ध्यान दें: अब सफर हो सकता है महंगा, ज्यादा व्यस्त स्टेशन से ट्रेन पकड़ने पर देना होगा एक्स्ट्रा चार्ज

केंद्र सरकार अब एयरपोर्ट की तर्ज पर रेलवे स्टेशनों पर भी यूजर चार्ज लगाने पर विचार कर रही है। ज्यादा व्यस्त रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ने के लिए अतिरिक्त चार्ज देना पड़ सकता है। भारतीय रेलवे रिडेवलप और ज्यादा व्यस्त स्टेशनों पर यात्रियों से चार्ज वसूलेगा। यूजर चार्ज कितना होगा, यह अभी साफ नहीं है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष बीके यादव ने कहा कि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने और रेवेन्यू के लिए यह निर्णय किया गया है। इसके प्रभाव में आने के बाद यह पहली बार होगा जब रेल यात्रियों से इस तरह का शुल्क वसूला जाएगा।

कितना यूजर चार्ज लगेगा?

रेलवे के मुताबिक शुरुआत में बड़े शहरों के भीड़भाड़ वाले रेलवे स्टेशन पर यूजर चार्ज लगेगा। इस समय देश के 7000 रेलवे स्टेशन ऐसे हैं। इनमें से लगभग 10-15 प्रतिशत स्टेशनों पर ही यूजर चार्ज लागू किया जाएगा यानी करीब 1050 रेलवे स्टेशनों में यूजर चार्ज लगाया जा सकता है। हालांकि कितना यूजर चार्ज लगेगा, यह नहीं बताया गया है लेकिन यह स्पष्ट कर दिया गया है कि यह शुल्क मामूली होगा। बता दें कि रेलवे उन स्टेशनों पर यूजर चार्ज वसूलने का एक नोटिफिकेशन जारी करेगा जिन्हें रिडेवलप किया जा रहा है या जिन्हें रिडेवलप कर दिया गया है।

वैश्विक स्तर का होगा दिल्ली-मुंबई रेलवे स्टेशन: सीईओ

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि पीपीपी मॉडल के तहत इन स्टेशनों को वैश्विक स्तर का बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अपील है कि देश-विदेश की निजी कंपनियां इस बिडिंग प्रोसेस में हिस्सा लें। अमिताभ कांत ने कहा कि नई दिल्ली और मुम्बई रेलवे स्टेशन का पूरी तरह से कायाकल्प हो जाएगा। देश की जीडीपी में 1.5 से 2 फीसदी का योगदान रेलवे कर सकता है और ये संभव भी है। बता दें कि इस बैठक में नई दिल्ली और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प करने को लेकर प्रजेंटेशन दिया गया।

रेलवे का निजीकरण नहीं, पर कुछ सालों के लिए ट्रेनें चलाएंगी निजी कंपनियां  

अमिताभ कांत ने अपने बयान में कहा है कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जा रहा है। निजी कंपनियां कुछ सालों के लिए ट्रेनें चलाएंगी। तकनीक और निवेश होगा। देश में आधुनिकता की आवश्यकता है। आईसीआईसीआई, एचडीएफसी जैसे बैंक देश में आए तो जैसे एसबीआई बंद नहीं हुआ वैसे ही निजी रेल से कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि कंपटीशन बढ़ेगा।