किडनी रैकेट का खुलासा, दो डॉक्टरों समेत 10 गिरफ्तार

दिल्ली में किडनी रैकेट का खुलासा हुआ है। तीन राज्यों (दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड) से मुलजिम पकड़े गए हैं। इनमें से एक डॉक्टर दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में प्रैक्टिस करता है। एक आरोपी की अभी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी नहीं हुई है।

किडनी रैकेट का खुलासा, दो डॉक्टरों समेत 10 गिरफ्तार
पुलिस ने आखिरकार दिल्ली से ऑपरेट किए जा रहे एक बड़े किडनी रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया। इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

2 जून 22। साउथ दिल्ली की हौज खास थाना पुलिस ने आखिरकार दिल्ली से ऑपरेट किए जा रहे एक बड़े किडनी रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया। मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें दो डॉक्टर शामिल हैं। इनमें से एक डॉक्टर दिल्ली के एक बड़े प्राइवेट अस्पताल में प्रैक्टिस भी कर रहा है। जबकि दूसरे की अभी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी नहीं हुई है। इन सभी आरोपियों को दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड तीन राज्यों से पकड़ा गया है। मामले में अभी और भी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है।

साउथ दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस रैकेट को हौज खास थाने की एसएचओ शिवानी, इंस्पेक्टर रोहित और इंस्पेक्टर भरत की टीम ने खुलासा किया। मामले में सबसे पहले 25-26 मई को हौज खास थाना पुलिस को इस मामले में जानकारी मिली थी। जिस पर बड़े ही गुपचुप तरीके से काम करते हुए पुलिस ने सबसे पहले तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक शख्स एम्स के पास उन लोगों के ब्लड और अन्य टेस्ट कराता था। जिनकी किडनी निकाली जानी होती थी। शिकार में फंसाए लोगों की सोनीपत के गोहाना में ले जाकर किडनी निकाली जाती थी। जहां आरोपियों ने ऑपरेशन थियेटर बना रखा था।

पुलिस ने सोनीपत जाकर इस ओटी का भंडाफोड़ किया। यहां से एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया। साथ ही चार लोगों को बचाया भी गया। जिनकी किडनी निकालने के लिए यहां लाया जा चुका था। किडनी निकालने के लिए रैकेट शिकार में फंसाए गरीब लोगों को दो से तीन लाख रुपये प्रति किडनी देता था। फिर निकाली गई किडनी को 20-30 लाख और इससे भी अधिक कीमत पर जरूरत लोगों को बेचते थे।

इस मामले में अभी और भी राज्यों के नाम सामने आ रहे हैं। जिन लोगों की किडनी निकाली गई। वह नॉर्थ-ईस्ट राज्यों, साउथ इंडिया, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों से संबंध रखते हैं। पुलिस को ऐसे पीड़ित भी मिल गए हैं। जिनकी किडनी निकाली जानी थी या निकाल ली गई थी।

सूत्रों का कहना है कि इस मामले में हौज खास थाना पुलिस को सबसे पहले 25-26 मई को एक इनपुट मिला था। जिसमें एम्स के पास कोई किडनी रैकेट चलने की बात बताई गई थी। पुलिस ने मिले इस इनपुट पर काम करते हुए अगले दिन ही एक शख्स को पकड़ लिया। उसके बाद दो और आरोपी धर लिए गए। इनके पास से बरामद लैपटॉप और मोबाइल फोन से किडनी रैकेट में आगे की जानकारी पुलिस को हाथ लगी। जिसमें कुछ लोगों के नंबर मिलने समेत सोनीपत में बनाई गई ओटी के बारे में भी जानकारी

पुलिस ने गुजरात, गुवाहाटी, पश्चिम बंगाल और केरल के चार उन पीड़ितों को भी रेस्क्यू कराया है, जिनकी किडनी निकाली गई थी। इनकी उम्र 21 से 32 साल के बीच की है। पुलिस ने बताया कि किडनी निकालने के लिए 20 से 30 साल की उम्र वाले गरीब लोगों को चुना जाता था।