कर्नाटक में शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लगा शिक्षाविदों व लेखकों ने लगाई इस्तीफों की झड़ी

विपक्ष का कहना है कि कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार ने स्कूलों में दसवीं कक्षा के छात्रों को आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के बारे में पढ़ाने का फैसला लिया है। विपक्ष ने सरकार पर राज्य की शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि एक तरफ हेडगेवार के पाठ्यक्रम शामिल हो रहे हैं वहीं भगत सिंह और मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान को पाठ्यक्रम पुस्तकों से हट रहे हैं।

कर्नाटक में शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लगा शिक्षाविदों व लेखकों ने लगाई इस्तीफों की झड़ी

1 जून 22। राष्ट्रकवि व डॉ. जीएस शिवारूदप्पा प्रतिष्ठान के पूर्व अध्यक्ष लेखक एसजी सिद्धारमैया, एचएस राघवेंद्र राव, नटराज बुदालु और चंद्रशेखर नांगली ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखा।

कर्नाटक में पाठ्यपुस्तक में संशोधन और टेक्सटबुक रिव्यू कमेटी के अध्यक्ष रोहित चक्रतीर्थ के खिलाफ कार्रवाई न करने पर कई लेखकों ने राज्य सरकार की समिति से इस्तीफा दे दिया है। लेखकों ने अध्यक्ष पर कथित तौर पर राज्यगान कुवेम्पु का अपमान करने का आरोप लगाया है। रोहित चक्रतीर्थ के खिलाफ विरोध अब और तेज होने की संभावना है। शिक्षा के भगवाकरण के मुद्दे पर विपक्ष, प्रगतिशील छात्रों के साथ रक्षण वेदिके ने चक्रतीर्थ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

विपक्ष का कहना है कि कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार ने स्कूलों में दसवीं कक्षा के छात्रों को आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के बारे में पढ़ाने का फैसला लिया है। विपक्ष ने सरकार पर राज्य की शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि एक तरफ हेडगेवार के पाठ्यक्रम शामिल हो रहे हैं वहीं भगत सिंह और मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान को पाठ्यक्रम पुस्तकों से हट रहे हैं।

राष्ट्रकवि व डॉ. जीएस शिवारूदप्पा प्रतिष्ठान के पूर्व अध्यक्ष लेखक एसजी सिद्धारमैया, एचएस राघवेंद्र राव, नटराज बुदालु और चंद्रशेखर नांगली ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखा। इस्तीफे का जिक्र करते हुए पत्र में लिखा गया कि राज्य की शिक्षा, संस्कृति तथा राजनीतिक परिदृ्श्य का दमन और हालिया असंवैधानिक हमलों ने हम लोगों को चिंता में डाल दिया है। राज्य तथा संघीय ढांचे को नजरंदाज करते हुए खुले तौर पर सांप्रदायिक नफरत की बात करने वालों पर सरकार की चुप्पी और उन पर कार्रवाई न होने से वो सभी हताश और परेशान हो गए हैं।

वरिष्ठ लेखक और विद्वान हम्पा नागरजैया ने भी राष्ट्रकवि कुवेम्पु प्रतिष्ठान के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं प्रसिद्ध शिक्षाविद् वीपी निरंजनाराध्या ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर उनके काम के लिए उन्हें सम्मानित करने के राज्य सरकार के निमंत्रण को ठुकरा दिया है।

उन्होंने निमंत्रण के जवाब में लिखा कि राज्य सरकार ने शिक्षा का सांप्रदायिकरण और भगवाकरण किया है। प्रक्रिया में किसी भी पाठ्यक्रम ढांचे, संवैधानिक मूल्यों और शिक्षा नीति का पालन नहीं किया गया है। कन्नड़ साहित्य परिषद के अध्यक्ष महेश जोशी ने भी कुवेम्पु और राज्यगान को अपमानित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।