Talent : देश के 10 आईआईटियन्स, जो दुनिया भर में बजा रहे भारत का डंका

देश के प्रीमियम संस्थानों में शुमार आईआईटी से निकले छात्र अपनी काबिलियत के दम पर सफलता का परचम लहरा रहे हैं। आईआईटियन्स दुनिया की कई बड़ी कंपनियों और संस्थानों का नेतृत्व करने से लेकर लेखन जगत तक में झंडे गाड़ रहे हैं। देश की आजादी के बाद प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को दुनिया के समकक्ष लाने में इन संस्थानों का अहम योगदान रहा है। स्थापना के बाद से ही आईआईटी भारत में तकनीकी शिक्षा के ऐसे मंदिर बने, जहां से पढ़कर निकले छात्रों ने न सिर्फ देश में, बल्कि दुनियाभर में भारतीय तकनीक का लोहा मनवाया। आज हम आपको ऐसे 10 आईआईटियन के बारे में बता रहे हैं जो कंपनियों के सीईओ, संस्थापक से लेकर स्थापित लेखक तक हैं।

Talent : देश के 10 आईआईटियन्स, जो दुनिया भर में बजा रहे भारत का डंका
आईआईटी से पढ़कर निकली ये 10 हस्तियां किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, बल्कि इन्होंने इस संस्थान की गरिमा को और ऊंचा उठाया है।

26 अगस्त 22।  भारत के आईआईटियन्स (IITians of the country) संसारभर में फैले हुए हैं, जो बड़ी-बड़ी कंपनियों व संस्थानों के शिखर तक पहुंचे हैं। वे इंजीनियर हों या टेक्नोक्रेट या फिर प्रौद्योगिकी से साहित्य-सृजन के क्षेत्र में ही क्यों न आ गए हों, आईआईटियन्स अपनी प्रतिभा से हमेशा चकित करते रहे हैं। आज हम ऐसी ही कुछ प्रतिभाओं के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने अपनी मेधावी क्षमता से ऊंचा मुकाम हासिल किया। आईआईटी से पढ़कर निकली ये 10 हस्तियां किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, बल्कि इन्होंने इस संस्थान की गरिमा को और ऊंचा उठाया है।

सुंदर पिचाई- गूगल अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने आईआईटी (IITians of the country)खड़गपुर से मेटलर्जी में बीटेक किया है। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस और पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। सुंदर पिचाई की गिनती दुनिया के सबसे सफल पेशेवरों में होती है।

रघुराम राजन- दुनिया के प्रमुख अर्थशास्त्रियों में शुमार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन आईआईटी दिल्ली के 1985 बैच के बीटेक के छात्र रहे हैं। इसके बाद उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया। रघुराम राजन आईआईटी दिल्ली और आईआईएम, दोनों में गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं।

एनआर नारायण मूर्ति- देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक इन्फोसिस के संस्थापक और अरबपति एनआर नारायण मूर्ति भी आईआईटी के छात्र रहे हैं। उन्होंने 1969 में आईआईटी कानपुर से पोस्ट ग्रेजुएशन किया था।

भाविश अग्रवाल- ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर ओला कैब्स के सह संस्थापक भाविश अग्रवाल आईआईटी बॉम्बे के छात्र रहे हैं। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया था। भाविश को 2018 में टाइम मैगजीन ने 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया था।

चेतन भगत- आईआईटियन्स ने कामयाबी का परचम लेखन की दुनिया में भी बुलंद किया है। 5 पॉइंट समवन, 3 मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ और हाफ गर्लफ्रेंड जैसी किताबों के लेखक चेतन भगत इनमें से एक हैं। चेतन भगत ने आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। इसके अलावा उन्होंने आईआईएम अहमदबाद से एमबीए किया।

सचिन बंसल- इंडियन ई-कामर्स सेक्टर की प्रमुख कंपनी फ्लिपकार्ट के संस्थापक सचिन बंसल ने भी आईआईटी से पढ़ाई की है। सचिन आईआईटी दिल्ली से बीटेक हैं और उन्होंने अपने दोस्त बिन्नी बंसल के साथ मिलकर फ्लिपकार्ट की नींव रखी। बताते चलें कि शुरुआत के दिनों में सचिन और बिन्नी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेज़न के लिए काम करते थे। वहीं से इनके दिमाग में भारत में इस तरह का एक प्लेटफॉर्म विकसित करने का आइडिया आया।

दीपेंद्र गोयल, सीईओ व फाउंडर जोमैटोह- फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो के फाउंडर दीपेंद्र गोयल भी आईआईटीयन हैं। दीपेंद्र गोयल ने वर्ष 2005 में दिल्ली आईआईटी से मैथेमेटिक्स व कंप्यूटिंग में डिग्री कोर्स किया था। दीपांकर ने अपने करियर की शुरुआत बेन एंड कंपनी के साथ की थी। इसके बाद उनके दिमाग में ऑनलाइन रेस्टोरेंट इंफॉर्मेशन सर्विस का आइडिया आया। फिर उन्होंने 2008 में जोमैटो की स्थापना की।

विनोद खोसला- जावा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज डेवलप करने वाली फर्म सन माइक्रोसिस्टम्स के को-फाउंडर विनोद खोसला (Vinod Khosla) भी आईआईटी से पास आउट हैं। उन्होंने दिल्ली आईआईटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। उसके बाद उन्होंने कर्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी से बायोमेडिकल इंजीनियरिंग की भी पढ़ाई की। इसके पहले उन्होंने स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए भी किया। आज उनकी फर्म ऐसी जानी मानी फर्म है, जो इंटरनेट कंप्यूटिंग मोबाइल बायोटेक्नोलॉजी हेल्थकेयर आदि सेक्टर में भी निवेश करती है।

पराग अग्रवाल- आईआईटी बाम्बे से पढाई करके निकले पराग अग्रवाल ट्विटर जैसी कंपनी के सीईओ के पद पर रहे। पराग ने आईआईटी जेईई परीक्षा में 77 वां रैंक हासिल किया था। उन्होंने वर्ष 2011 में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ट्विटर ज्वाइन किया था। उसके बाद वह अक्टूबर 2017 में चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर नियुक्त किए गए। इतना ही नहीं वह माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च और याहू रिसर्च में लीडरशीप की भूमिका में रहे।

नंदन निलेकनी ने भी आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई की है। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री किया था। वह इंफोसिस के संस्थापक सदस्यों में रहे। बता दें कि इंफोसिस की स्थापना वर्ष 1981 में हुई थी। वर्ष 2009 से 2013 तक आधार कार्ड अथॉरिटी यूआईडीएआई के चेयरमैन भी रहे।