‘अग्निपथ’ पर शहर-शहर संग्राम, बिहार में 5 ट्रेन फूंकीं, 12 में तोड़फोड़, पथराव

14 जून को केंद्र सरकार ने सेना की तीनों शाखाओं (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना की घोषणा की। इसके तहत नौजवानों को सिर्फ चार साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी। इसके बाद इसमें से एक चौथाई युवाओं की नौकरी स्थाई होगी बाकी को रिटायर कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि सरकार ने ये कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है। मगर अभ्यर्थियों को ये सरकारी स्कीम रास नहीं आ रही है। दरअसल, सेना में जितनी भी भर्तियां होंगी, वो अग्निपथ स्कीम के तहत ही होंगी। पुराने मेडिकल या फिजकल टेस्ट को नहीं माना जाएगा। भर्ती के लिए युवाओं को अग्निपथ स्कीम के तहत ही अप्लाई करना होगा।

‘अग्निपथ’ पर शहर-शहर संग्राम, बिहार में 5 ट्रेन फूंकीं, 12 में तोड़फोड़, पथराव
बिहार में अग्निपथ स्कीम को लेकर आग लगी हुई है। दो दिनों से आर्मी अभ्यर्थी उबल रहे हैं। करीब दर्जनभर जिलों में हंगामा और बवाल चल रहा है। गुरुवार को गोपालगंज, छपरा और कैमूर में ट्रेनें फूंक दी गई। पुलिस और नौजवान आमने-सामने हैं। आरा स्टेशन पर आंसू गैस के गोल छोड़े गए। हजारों यात्री जहां-तहां फंसे हुए हैं। सड़कों पर सैकड़ों गाड़ियां फंसी हुई है। 22 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा।

16 जून 22। अग्निपथ स्कीम को लेकर गुरुवार (16 जून, 2022) को शहर-शहर संग्राम देखने को मिला। केंद्र की लाई नई सेना भर्ती से जुड़ी प्रक्रिया के विरोध में बिहार में जहां दूसरे दिन लगातार बवाल देखने को मिला। वहीं, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और झारखंड समेत कुछ और सूबों में छात्रों ने इस व्यवस्था का कड़ा विरोध किया। बिहार में दूसरे दिन उग्र प्रदर्शन हुआ। 17 जिलों में युवा सड़क और ट्रैक पर उतर गए। प्रदर्शनकारियों ने छपरा, कैमूर और गोपालगंज में 5 ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया। 12 ट्रेनों में तोड़फोड़ की गई है। अकेले छपरा में ही 3 ट्रेनों में आग लगा दी। यात्रियों ने भागकर अपनी जान बचाई। छपरा में सबसे ज्यादा प्रदर्शन का असर रहा। दर्जनों रेल गाड़ियों का रूट बदलना पड़ा। कई ट्रेनें जहां-तहां अब भी फंसी हुई हैं। 
आरा में पुलिस को उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। मोतिहारी में भी ट्रेन पर पथराव किया गया है। प्रदर्शन के कारण रेल सेवा सुबह 6.25 के बाद ठप हो गई थी। करीब नौ घंटे तक ट्रेनें ठप रहीं। साढ़े तीन बजे के बाद सभी रूट क्लियर कराकर ट्रेनें शुरू की गईं।
प्रदर्शन के दौरान बीजेपी के 2 विधायकों पर हमले भी किए गए हैं। छपरा सदर के बीजेपी विधायक डॉ. सीएन गुप्ता के घर पर प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की है। वहीं वारिसलीगंज की विधायक अरुणा देवी पर भी हमला हुआ। नवादा में प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी ऑफिस में आग लगा दी। आक्रोशित युवा केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
हरियाणा में पुलिस की 5 गाड़ियों को जलाईं
हरियाणा के पलवल में पौने दो बजे के करीब नेशनल हाईवे-19 को उपद्रवी युवाओं के कब्जे से मुक्त कराया गया। इसके लिए पुलिस को हवाई फायरिंग के साथ आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े। भड़के युवाओं ने इससे पहले यहां पुलिस की 5 गाड़ियों को जला दिया। DC आवास पर जमकर पथराव किया। करीब चार घंटे तक नेशनल हाइवे जाम रहा। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ देश में विरोध के स्वर उठ खड़े हुए हैं। दुखद बात यह रही कि हरियाणा के रोहतक में इस योजना के विरोध में एक छात्र ने आत्महत्या कर ली।
बिहार से निकली ये चिंगारी मध्यप्रदेश पहुंची
बिहार से निकली ये चिंगारी मध्यप्रदेश तक पहुंच गई है। ग्वालियर के गोला का मंदिर में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने चक्काजाम कर बीच सड़क पर टायर फूंके। उग्र युवाओं ने बिरला नगर रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ कर दी। कुर्सियां और पंखे तोड़ दिए। रेलवे ट्रैक पर आग लगा दी। एक ट्रेन पर ट्रैक से उठाकर गिटि्टयां फेंकी। यही नहीं, बिरलानगर स्टेशन पर इंटरसिटी ट्रेन के शीशे भी फोड़ दिए। युवाओं के पथराव में 2 पत्रकार समेत 10 लोग घायल हुए हैं।

अग्निपथ स्कीम को लेकर सबसे ज्यादा बिहार में विरोध

अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीर बनने से पहले ही अभ्यर्थी गुस्से में हैं। बिहार में इसका असर कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है। लगातार दूसरे दिन नौजवान सड़कों पर हैं। बक्सर से शुरू हुआ बवाल नवादा और छपरा तक पहुंच चुका है। कैमूर, जहानाबाद और सीवान में भारी बवाल हुआ है। दरअसल 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी। किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन। ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई। पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी। मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे। नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी। इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा। 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे। उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का ख्वाब सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख नौजवान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गए।