अर्पिता और पार्थ चटर्जी कार में करते थे पार्टी- ईडी कर रहा चौंकाने वाले खुलासे

अर्पिता और पार्थ चटर्जी कार में करते थे पार्टी- ईडी कर रहा चौंकाने वाले खुलासे
पश्चिम बंगाल में हुए गोलमाल की जांच सीबीआई हाईकोर्ट के निर्देश पर कर रही है। जबकि मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ईडी कर रही है। मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि 50 करोड़ तो कुछ भी नहीं, घोटाला 5 हजार करोड़ तक पहुंचेगा क्योंकि एक कैंडिडेट्स से 18-20 लाख रुपए लिए गए हैं। यह तकरीबन 10 साल से चल रहा है।

31 जुलाई 22।  ईडी का कहना है कि (Parth and Arpita used to party in the car)पार्थ और अर्पिता कार में बैठकर पार्टी करते थे। दोनों अलग-अलग कारों में निकलते थे और फिर पार्थ एकांत देखकर अर्पिता की कार में चला जाता था।

पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में नित नए खुलासे हो रहे हैं। अर्पिता मुखर्जी के घरों से तकरीबन 52 करोड़ रुपये मिलने के बाद ही ये मामला सुर्खियों बटोर रहा है। लेकिन ईडी की मानें तो ये गोलमाल 5 हजार करोड़ रुपये का है। पैसे की बंदरबांट के लिए तृणमूल के विधायकों के साथ और भी सरकारी अमला पार्थ और अर्पिता के गैंग में शामिल रहा। इसमें जमकर धांधली की गई।

अर्पिता की लापता कारों को लेकर ईडी का कहना है कि ये उसे पार्थ की तरफ से गिफ्ट में मिली थीं। दो कारें और भी खरीदी गईं लेकिन उनकी डिलीवरी से पहले ही दोनों हत्थे चढ़ गए। अर्पिता के पास लग्जरी कारें थीं। ईडी का दावा है कि पार्थ और अर्पिता कार में बैठकर पार्टी करते थे। अपने घरों से दोनों अलग-अलग कारों में निकलते थे और फिर पार्थ एकांत देखकर अर्पिता की कार में चला जाता था। वहां दोनों घंटों मौजमस्ती करते थे।

एजेंसी का कहना है कि घोटाला 2014 का है। गड़बड़ियां कई तरीकों से हुईं। बिना मैरिट वालों को नौकरी दे दी गई। छठी पास को टीचर बना दिया गया। जिन्होंने एग्जाम ही नहीं दी, उनका भी सिलेक्शन हो गया। पार्थ चटर्जी के पूर्व बॉडीगार्ड के परिवार से 13 लोगों को शिक्षा विभाग में नौकरी मिली। इनमें से ही एक महिला ऐसी भी हैं, जो छठी पास हैं। अर्पिता के कहने पर उनके कई रिश्तेदारों को नौकरी दी गई।

पश्चिम बंगाल में हुए गोलमाल की जांच सीबीआई हाईकोर्ट के निर्देश पर कर रही है। जबकि मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ईडी कर रही है। मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि 50 करोड़ तो कुछ भी नहीं, घोटाला 5 हजार करोड़ तक पहुंचेगा क्योंकि एक कैंडिडेट्स से 18-20 लाख रुपए लिए गए हैं। यह तकरीबन 10 साल से चल रहा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार याचिका दायर करने वाले वकील तरुण ज्योति तिवारी का दावा है कि टीएमसी नेता मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु रॉय, टीएमसी के स्टेट सेक्रेटरी असीम माझी और अखिल गिरी के साइन किए हुए अलग-अलग लेटर मिले हैं। ये 2013 के हैं। इसे कैंडिडेट्स का नाम और रोल नंबर लिखकर रिक्रूटमेंट करने वाले बोर्ड को दिया गया था। उनका कहना है कि लिस्ट हाईकोर्ट में भी जमा कर दी है।

तरुण ज्योति तिवारी के मुताबिक एक अन्य लिस्ट में 30 कैंडिडेट्स का नाम लिखा है। उनके मोबाइल नंबर और किससे कितना पैसा लिया गया, इसकी डिटेल भी उसमें दर्ज है। साथ ही जिन कैंडिडेट्स को रुपए वापिस किए गए उसकी भी डिटेल है।