भाजपा की नजर 2024 पर, ममता के गढ़ में बड़ी सेंध लगाने की तैयारी

एक तरफ जेडीयू के एनडीए से अलग होने के बाद कहा जा रहा है कि इसका फर्क 2024 के चुनाव पर प ड़ेगा तो दूसरी तरफ भाजपा ने लोकसभा को लेकर अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।(BJP's eyes on 2024)

भाजपा की नजर  2024 पर, ममता के गढ़ में बड़ी सेंध लगाने की तैयारी
चुनाव में महिलाओं का वोट बड़ा मायने रखता है। ऐसे में भाजपा नहीं चाहती है कि महिलाएं उससे दूर हों। 2021 में टीएमसी की बड़ी जीत के पीछ महिलाओं का वोट भी है। स्मृति ईरानी को प्रदेश में महिलाओं की समस्याओं को जानने और चुनाव की तैयारी करने का जिम्मा दिया गया है। खास बात है कि ईरानी और प्रधान दोनों ही बांग्ला जानते हैं।

12 अगस्त 22। बिहार में सियासी उलटफेर के बाद विपक्ष के हौसले बुलंद हैं। वहीं तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि दूसरी पार्टियों को भी बिहार से सीख लेनी चाहिए। नीतीश कुमार ने भी अपने बयान से संकेत दे दिया है कि 2024 के आम चुनाव में वह भाजपा के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा था कि जो 2014 में आए थे पता नहीं 2024 में  रह पाएंगे या नहीं। इन सारे घटनाक्रमों के बीच भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है। 2019 में पश्चिम बंगाल में भाजपा को अप्रत्याशित फायदा मिला था  इसलिए अब पार्टी ममता के गढ़ को छोड़ना नहीं चाहती।(BJP's eyes on 2024)

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पश्चिम बंगाल में कुल 42 सीट में से 18 सीटें जीत ली थीं। अब पार्टी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों को पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी दी है। इनमें धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति ईरानी और ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं। 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार की वजहों को लेकर काम करना इन नेताओं ने शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि अभी राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा को भी यहां की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

धर्मेंद्र प्रधान पर क्यों जताया भरोसा

भाजपा नेतृत्व ने धर्मेंद्र प्रधान को पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी इसलिए भी दी है क्योंकि राज्य में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी से उनके अच्छे संबंध हैं। उन्हें राज्य में 42लोकसभा सीटों पर ध्यान रखने का काम सौंपा गया है। प्रधान पहले भी अधिकारी से जुड़े रहे हैं। इसके बाद ही उन्होंने टीएमसी को अलविदा कहा था  और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर नंदीग्राम से जीत दर्ज की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हरा दिया था। 

महिला  वोट के लिए भी तैयारी

चुनाव में महिलाओं का वोट बड़ा मायने रखता है। ऐसे में भाजपा नहीं चाहती है कि महिलाएं उससे दूर हों। 2021 में टीएमसी की बड़ी जीत के पीछ महिलाओं का वोट भी है। स्मृति ईरानी को प्रदेश में महिलाओं की समस्याओं को जानने और चुनाव की तैयारी करने का जिम्मा दिया गया है। खास बात है कि ईरानी और प्रधान दोनों ही बांग्ला जानते हैं।