मिर्जापुर-2 पर धब्बा: लेखक सुरेंद्र मोहन का दावा-मेरी परमिशन के बिना नॉवेल का यूज किया, अश्लील डायलॉग्स से मेरी छवि खराब हुई

गलती स्वीकार करते हुए मिर्जापुर-2 के मेकर्स ने पाठक से माफी मांगी

मिर्जापुर-2 पर धब्बा: लेखक सुरेंद्र मोहन का दावा-मेरी परमिशन के बिना नॉवेल का यूज किया, अश्लील डायलॉग्स से मेरी छवि खराब हुई

मिर्जापुर-2 के एक सीन को लेकर उठे विवाद में वेब सीरीज के मेकर्स ने हिंदी उपन्यासकार सुरेंद्र मोहन पाठक से माफी मांग ली है। उन्होंने सीरीज से विवादित सीन हटाने की बात भी कही है। फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी की प्रोडक्शन कंपनी एक्सेल एंटरटेनमेंट के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से माफीनामा शेयर किया गया है, जिसमें सबसे नीचे सीरीज के क्रिएटर और राइटर पुनीत कृष्णा के साइन हैं। लेटर में लिखा है कि प्रिय, सुरेंद्र मोहन पाठक, आपके द्वारा इस ओर मेरा ध्यान दिलाया गया कि हालिया रिलीज सीरीज मिर्जापुर-2 के एक सीन में सत्यानन्द त्रिपाठी नाम का किरदार आपकी लिखी किताब धब्बा पढ़ रहा है। इसमें अन-रिलेटेड वॉयस ओवर है, जिससे आपकी, आपके प्रशंसकों और शुभचिंतकों की भावनाएं आहत हुई हैं। इसके लिए हम तहे दिल से माफी मांगते हैं। यह आपकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए नहीं किया गया था। हम जानते हैं कि आप ख्यातिप्राप्त लेखक हैं और हिंदी क्राइम फिक्शन की दुनिया में आपका बहुत बड़ा नाम है। हम आपको यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए जैसा कि आपके साथ डिस्कशन हुआ, आपकी इच्छा अनुसार तीन सप्ताह के अंदर हम बुक के कवर वाले सीन को ब्लर कर देंगे या इसका वीओ हटा देंगे। 

विवाद सीरीज के एपिसोड नं.-3 में दिखाए गए सीन को लेकर था
दिग्गज हिंदी राइटर सुरेंद्र मोहन पाठक ने सीरीज के मेकर्स पर कॉपीराइट एक्ट के उलंघन का आरोप लगाते हुए नाराजगी जाहिर की थी। विवाद सीरीज के एपिसोड नं. 3 में दिखाए गए उस सीन को लेकर था, जिसमें कुलभूषण खरबंदा सुरेंद्र मोहन पाठक का नॉवेल श्धब्बाश् पढ़ते दिखाई दिए और वॉयस ओवर में इरॉटिक सीन को डिस्क्राइव किया गया। सुरेंद्र मोहन पाठक हिन्दी क्राइम फिक्शन के मशहूर राइटर हैं, जो पिछले 50 साल से नॉवेल राइटिंग कर रहे हैं। पाठक ने आरोप लगाया था कि वॉयस ओवर का किताब के कंटेंट से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने एक्सेल एंटरटेनमेंट को नोटिस भेजकर सीरीज से सीन हटाने की मांग की थी। साथ ही धमकी दी थी कि अगर उन्हें जवाब नहीं मिलता है तो वे इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में केस दर्ज करेंगे।

पाठक के मुताबिक, मेकर्स ने गंदी लाइनों का इस्तेमाल किया और इन्हें 10 साल पहले पब्लिश हुए उनके नॉवेल का कंटेंट बता दिया। इसके अलावा सीन के वॉयस ओवर में बलदेव राज नाम का किरदार बोला गया, जबकि पाठक की मानें तो उनकी बुक में इस तरह का कोई किरदार है ही नहीं।