मध्य प्रदेश में रातापानी अभयारण्य के गेस्ट हाउस में BJP की सीक्रेट मीटिंग
2 अक्टूबर 22। मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी बीजेपी ने तैयारी तेज कर दी है। यही वजह है कि पार्टी ने शनिवार को राजधानी से 55 किलोमीटर दूर(BJP core group meeting in Raisen district) रायसेन जिले में बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक की। रायसेन के रातापानी जंगल में मौजूद गेस्ट हाउस में ये मीटिंग बेहद गोपनीय रखी गई। जहां मोबाइल नेटवर्क भी नहीं था और मीडिया की कवरेज से भी दूर रखा गया। शनिवार सुबह 10 बजे से शुरू हुई ये बैठक करीब 9 घंटे तक चली। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई। हालांकि, बैठक में शामिल नेताओं ने इस पर साफ तौर से कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
बीएल संतोष, शिवराज समेत ये दिग्गज हुए शामिल
रायसेन में बीजेपी कोर कमेटी की हुई इस बैठक की अध्यक्षता बीजेपी के राष्ट्रीय संगठनात्मक महासचिव बीएल संतोष ने की। जिसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रह्लाद पटेल, वीरेंद्र खटीक और फग्गन सिंह कुलस्ते शामिल हुए। इस बैठक में नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह समेत शिवराज सरकार के केवल आठ मंत्री मौजूद थे। एमपी बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैय्या, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रभारी मुरलीधर राव भी शामिल हुए।
सीक्रेट मीटिंग को लेकर की गई थी खास तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, (Special preparations were made for the secret meeting)बीजेपी इस बैठक बेहद गोपनीयता बरती गई। मंत्रियों के सुरक्षाकर्मियों को भी मीटिंग वाली जगह के आसपास भी कहीं जाने की अनुमति नहीं थी। रातापानी अभयारण्य के अंदर करीब 8 किमी दूर स्थित गेस्ट हाउस में बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक हुई। ये मीटिंग मोबाइल नेटवर्क और मीडिया की पहुंच से भी बाहर था। बैठक के दौरान इसमें शामिल सभी बीजेपी नेताओं के फोन 'नॉट रिचेबल' मोड पर थे। जानकारी के मुताबिक, पार्टी कोर-समिति के सदस्यों को जंगल सफारी बस से मीटिंग प्वाइंट पर लाया गया। केवल चुनिंदा प्रदेश बीजेपी पदाधिकारी, जो कोर-कमेटी का हिस्सा हैं, उन्हीं को बैठक में शामिल होने की अनुमति दी गई थी।
कई मंत्रियों की मीटिंग से दूरी पर उठे सवाल
बैठक समाप्त होने के बाद पार्टी नेताओं ने सीधे तौर पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। कोई भी तुरंत टिप्पणी करने को तैयार नहीं था। सवाल ये भी उठ रहे थे कि गोपाल भार्गव और विजय शाह समेत कुछ वरिष्ठ मंत्रियों को इस बैठक से बाहर क्यों रखा गया? सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के 'राजनीतिक मामलों की उप-समिति' का एक गठन किया गया है। इस ग्रुप का हिस्सा बनने वाले मंत्रियों को ही बैठक में बुलाया गया था। इनमें इंदर सिंह परमार, मोहन यादव और विश्वास सारंग भी थे, लेकिन गोपाल भार्गव को नहीं शामिल किया जाना सवाल खड़े कर रहा।(Questions raised at a distance from the meeting of many ministers)
2023 के रण को पार्टी का महामंथन
बैठक में चुनिंदा मंत्रियों को शामिल करने के बारे में पूछे जाने पर वीडी शर्मा ने कहा कि सभी को कोई न कोई काम और जिम्मेदारी दी जाती है तो उस पर चर्चा होती है। मीटिंग को लेकर जयभान सिंह पवैया ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई। ऐसी बैठकों में संगठनात्मक मामलों पर भी विचार किया जाता है। प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी ने कहा कि पार्टी में साथ बैठने और चर्चा करने का अपना तरीका है। हमने अभी-अभी 46 नगर निकायों के चुनाव जीते हैं। राज्य और देश के लोगों के लिए कैसे काम किया जाए, इस पर चर्चा होती है। यह पूछे जाने पर कि केवल चुनिंदा नेताओं को ही बैठक के लिए क्यों बुलाया गया? केसवानी ने कहा कि ऐसी बैठकों के क्राइटीरिया केंद्रीय नेतृत्व की ओर से तय किए जाते हैं। प्रदेश इकाई इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।