जर्मनी में लिंग CHANGE कराना होगा आसान, मनचाहा जीवन जीने जी सकेंगे
पाऊस ने यह भी कहा कि पुरानी प्रक्रिया "ना सिर्फ लंबी और महंगी है बल्कि अत्यंत अपमानजनक भी है।" उन्होंने आगे कहा, "हम एक ऐसे मुक्त और विविध समाज में रहते हैं जो कई मामलों में हमारे कानूनों से आगे है। कानूनी संरचना को समाज की वास्तविकता के अनुकूल बनाने का समय आ गया है।"
2 जुलाई 22। जर्मनी की सरकार ने ट्रांसजेंडर लोगों के लिए कानूनी तौर पर अपना नाम और लिंग बदलना आसान बनाने के लिए नई योजना निकाली है। सरकार ने माना है कि मौजूदा कानून पुराना और अपमानजनक है।
नए नियमों के बारे में बताते हुए जर्मनी के परिवार मामलों के विभाग की मंत्री लिसा पाऊस ने बर्लिन में एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, "खुद निर्धारित किया हुआ जीवन जीना सबके लिए एक मूलभूत अधिकार है।"
नया कानून जर्मनी के 40 साल पुराने "ट्रांससेक्सुअल कानून" की जगह ले लेगा। पुराने कानून के मुताबिक लिंग और नाम बदलने के लिए अदालत जाना और दो विशेषज्ञों की रिपोर्ट देना अनिवार्य था। ये विशेषज्ञ अमूमन मनोचिकित्सक होते थे।
इस कानून के विरोधी लंबे समय से इसे हटाने की मांग कर रहे हैं। आवेदक पूरी प्रक्रिया के प्रशासनिक बोझ और शर्मिंदा करने वाले निजी सवालों के बारे में शिकायत करते रहे हैं। इन सवालों में व्यक्ति के यौन इतिहास के बारे में पूछे जाने वाले सवाल भी शामिल हैं।
खुद बता देना होगा काफी : जर्मनी की संसद बुंडेस्टाग के दो ट्रांस सदस्यों में से ग्रीन पार्टी के नाइकी स्लाविक ने कहा कि यह "नौकरशाही के लिए एक छोटा कदम लेकिन एक मुक्त समाज के लिए एक बड़ी छलांग है।"
नए "सेल्फ-डेटर्मिनेशन" कानून के तहत कानूनी तौर पर नाम और लिंग बदलवाने के लिए स्थानीय रजिस्ट्री कार्यालय जाना और वहां बदलाव के बारे में सिर्फ बता देना काफी होगा। वयस्कों के अलावा 14 साल की उम्र से ट्रांस या गैर-बाइनरी नाबालिग भी अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावकों की अनुमति से इस प्रक्रिया का इस्तेमाल कर पाएंगे।
पाऊस ने यह भी कहा कि पुरानी प्रक्रिया "ना सिर्फ लंबी और महंगी है बल्कि अत्यंत अपमानजनक भी है।" उन्होंने आगे कहा, "हम एक ऐसे मुक्त और विविध समाज में रहते हैं जो कई मामलों में हमारे कानूनों से आगे है। कानूनी संरचना को समाज की वास्तविकता के अनुकूल बनाने का समय आ गया है।"
बदलाव की तरफ बढ़ता जर्मनी : इस विषय में जर्मनी दूसरे यूरोपीय देशों से पीछे है। बेल्जियम, डेनमार्क, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड में कानूनी रूप से लिंग बदलवाने के लिए एक सेल्फ-डेक्लरेशन देना काफी है। उम्मीद की जा रही है कि जर्मनी की नई गठबंधन सरकार इस साल के अंत से पहले नए कानून को स्वीकृति दे देगी।
उसके बाद कानून को संसद की स्वीकृति लेनी होगी। हाल के सालों में एलजीबीटीक्यू ऐक्टिविस्टों और मानवाधिकार समूह बार बार जर्मनी को उसके "ट्रांससेक्सुअल कानून" को आधुनिक बनाने के लिए आग्रह करते रहे हैं। देश की संवैधानिक अदालत ने भी कानून के पहलुओं की आलोचना की है।
पिछले साल दिसंबर में सत्ता में आने के बाद चांसलर ओलाफ शॉल्त्स और उनकी साझेदार पार्टियों ग्रीन पार्टी और एफडीपी ने इस कानून को हटा देने का वादा किया था।
उन्होंने नाजी-काल के एक विवादित गर्भपात कानून को हटाने का भी वादा किया था जिसके तहत गर्भपात के बारे में डॉक्टरों और क्लीनिकों द्वारा दी जाने वाली जानकारी को सीमित कर दिया गया था। इस कानून को हटाने के लिए पिछले सप्ताह संसद में हुआ मतदान सफल रहा।