अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण : गांव गांव  चंदा लेने जाएगी विश्व हिंदू परिषद की दुर्गावाहिनी

1 माह में 2 हजार महिलाओं का मध्य भारत के 14 हजार गांव पहुंचने का लक्ष्य, संकीर्तन-हनुमान चालीसा का पाठ सहित कई धार्मिक आयोजन करने की तैयारी

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण : गांव गांव  चंदा लेने जाएगी विश्व हिंदू परिषद की दुर्गावाहिनी

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद मकर संक्रांति 15 जनवरी से 15 फरवरी तक चंदा एकत्र करने का अभियान चलाएगा। जिसे धन संग्रह अभियान नाम दिया गया है। इस अभियान में अब महिलाओं की भागीदारी भी रहेगी। विहिप ने दुर्गावाहिनी की करीब 2 हजार महिलाओं को गांव-गांव जाकर चंदा जुटाने की जिम्मेदारी दी है। इन महिलाओं का एक माह में मध्य भारत के करीब 14 हजार गांवों में पहुंचने का लक्ष्य है। इस दौरान संकीर्तन, हनुमान चालीसा पाठ के अलावा कई धार्मिक आयोजन करने की तैयारी है। आरएसएस, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटाने के लिए मध्य भारत के करीब 40 लाख परिवारों तक पहुंचने लक्ष्य तय किया है। इसमें बीजेपी कार्यकर्ताओं का सहयोग भी लिया जा रहा है। इस अभियान के तहत 10 रुपए, 100 रुपए और 1 हजार रुपए के कूपन के माध्य मे राशि एकत्र की जाएगी। लेकिन 10 हजार रुपए के चंदे के लिए रसीद दी जाएगी। दुर्गा वाहिनी की मध्य भारत प्रांत की प्रमुख संयोजिका डाॅ. प्रतिमा शर्मा ने बताया कि हमारा प्रयास प्रत्येक घर के 5 सदस्यों से चंदा लेने का है। इस अभियान के लिए महिलाओं को ट्रेनिंग भी दी गई हे। इसी सिलसिले में मकर संक्रांति के दिन बड़े स्तर जगह-जगह खिचड़ी वितरण के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसी तरह हनुमत शक्ति जागरण कार्यक्रम भी होंगे, जिसमें महिलाएं जगह-जगह हनुमान चालीसा का पाठ करेंगी।

498 महिला संगोष्ठी का आयोजन होगा
इस अभियान के दौरान 498 महिला संगोष्ठी या महिला केंद्रित कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए पूरे प्रांत में अलग से कार्यालय भी खोले जा रहे हैं। ताकि प्रतिदिन शाम को धन संग्रह की समीक्षा करने बैठक हो सके। विहिप ने मध्य प्रदेश के 50 हजार गांव तक पहुंचने लक्ष्य रखा है। परिषद को उम्मीद है कि 1.25 करोड़ परिवारों से श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चंदा मिलेगा। देश में पहले यह लक्ष्य 4 लाख गांवों और 11 करोड़ परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब इसे बढ़ा कर 5.25 लाख गांवों और लगभग 13 करोड़ परिवारों तक पहुंचने का कर दिया है।