ऊर्जा मंत्री ने बिजली उपभोक्ताओं से मिलकर तत्काल मौके पर बिल सुधरवाया

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने किया राजधानी भोपाल स्थित सुंदर नगर-भानपुर जोन का औचक निरीक्षण

ऊर्जा मंत्री ने बिजली उपभोक्ताओं से मिलकर तत्काल मौके पर बिल सुधरवाया

भोपाल। मप्र के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सोमवार को राजधानी भोपाल शहर वृत्त के अंतर्गत भानपुर जोन के उड़िया बस्ती सुदरनगर के दो घरेलू उपभोक्ताओं के परिसरों का निरीक्षण कर दोनों उपभोक्ताओं की बिलिंग संबंधी शिकायत का निराकरण कराया। दोनों उपभोक्ता आश्चर्यचकित थे कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री उनके दरवाजे पर हैं। गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्री  प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बिजली उपभोक्ताओं के प्रति इतना विश्वास जागृत किया है जिसकी प्रदेश के आम उपभोक्ताओं में सराहना की जा रही है। दरअसल आज उड़िया बस्ती सुंदर नगर जो कि भानपुर जोन के अंतर्गत आता है, के दो उपभोक्ताओं दुर्गा कुशवाहा एवं मुकेश विश्वकर्मा के घर पर बिजली बिल की शिकायत मिलने पर वे उनके परिसर पर गये और पाया कि उन दोनों उपभोक्ताओं के यहॉं ग्रुप मीटर के अंदर संप्रेषण प्रणाली में खराबी थी, जिसके कारण मीटर रीडिंग नहीं हो पा रही थी। ऊर्जा मंत्री ने तत्काल संप्रेषण प्रणाली को दुरुस्त कराया और उपभोक्ताओं द्वारा 19 माह में जमा किये गये बिल की राशि को समायोजित कर दुर्गा कुशवाहा के बिजली बिल में 8649 रुपए और मुकेश विश्वकर्मा के बिजली बिल में 6252 रुपए का समायोजन किया गया। दोनों उपभोक्ताओं ने ऊर्जा मंत्री का आभार प्रकट किया और उनकी सराहना की। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इस दौरान भानपुर जोन के 4 उपभोक्ताओं को फोन लगाकर बिजली आपूर्ति की स्थिति के बारे में पूछा, जिसमें उन्हें बिजली आपूर्ति को लेकर संतोषजनक उत्तर मिला। इसी दौरान ऊर्जा मंत्री ने सख्त निर्देश दिए कि ग्रुप मीटर लगाने वाली कंपनी के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में उपभोक्ताओं को इस प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े। ऊर्जा मंत्री तोमर ने बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे शिकायत निराकरण के लिए 1912 तथा अपने-अपने कार्यक्षेत्रानुसार स्मार्ट एप (पूर्व क्षेत्र), न्च्।ल् एप (मध्य क्षेत्र) तथा ऊर्जस एप (पश्चिम क्षेत्र) का उपयोग करें ताकि उपभोक्ताओं की शिकायतों का निराकरण सुनिश्चित हो सके। ऊर्जा मंत्री ने राज्य के उपभोक्ताओं को आश्वस्त किया है कि आबादी को 24 घंटे और कृषि क्षेत्र को 10 घंटे विद्युत आपूर्ति तथा शिकायत निवारण के लिए राज्य शासन और वितरण कंपनियां कृतसंकल्पित हैं।