हिंसा के बाद आई किसान संगठनों में दरार: दो किसान संगठन आंदोलन से हुए अलग और कहा- टिकैत लें हिंसा की जिम्मेदारी

किसान संगठनों के आंदोलन से हटने का सिलसिला शुरू, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने आंदोलन से हटने का ऐलान किया

हिंसा के बाद आई किसान संगठनों में दरार: दो किसान संगठन आंदोलन से हुए अलग और कहा- टिकैत लें हिंसा की जिम्मेदारी

राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के चीफ वीएम सिंह ने कहा कि दिल्ली में जो हंगामा और हिंसा हुई, उसकी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेनी चाहिए। हम ऐसे किसी शख्स के साथ विरोध को आगे नहीं बढ़ा सकते, जिसकी दिशा कुछ और हो। इसलिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन मैं और मेरा संगठन इस आंदोलन से अलग हो रहे हैं। मेरा उस विरोध से कोई लेना-देना नहीं है, जिसका नेतृत्व करने वालों को राकेश टिकैत रिप्रजेंट कर रहे हैं।

भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने कहा कि मंगलवार को दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, उससे मैं बहुत आहत हूं और 58 दिनों का अपना प्रोटेस्ट खत्म कर रहा हूं। किसान हल चलाता है, कुछ लोगों ने उन्हें पागल बना दिया। वे किसी ऐसे नेता के चक्कर में न पड़ें, जो अपना नाम बनाने के लिए देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। भानुप्रताप सिंह का संगठन चिल्ला बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहा था। ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव पर दिल्ली पुलिस बुधवार सुबह से ही एक्शन मोड में है। पुलिस ने हिंसा, तोड़फोड़ और नियम तोड़ने की घटनाओं पर 22 एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें जानलेवा हमले, डकैती, सरकारी काम में रुकावट डालने और नियम तोड़ने जैसी धाराएं लगाई गई हैं। आरोपी बनाए गए नेताओं में राकेश टिकैत, दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह शामिल हैं, इनके खिलाफ ट्रैक्टर रैली की शर्तें तोड़ने का केस दर्ज किया गया है। इन नेताओं ने उस छव्ब् पर साइन किए थे, जो पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के लिए जारी की थी।

550 से ज्यादा ट्वीटर अकाउंट सस्पेंड
ट्वीटर ने बुधवार को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा से जुड़े 550 से ज्यादा अकाउंट सस्पेंड कर दिए। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि हमने उन ट्वीट्स पर भी एक्शन लिया है, जिनसे हमारी पॉलिसी का उल्लंघन हो रहा था। पुलिस का कहना है कि मंगलवार को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में 300 जवान घायल हुए हैं। साथ ही कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों से आंसू गैस के गोले छोड़ने वाली गन छीन ली थी। यह गन लाल किले में एक प्रदर्शनकारी के पास देखी गई। उधर, उत्तर दिल्ली के कार्यवाहक क्ब्च् संदीप ने बताया, श्कई हिंसक लोग अचानक लाल किले पहुंच गए। वे किसान थे या फिर जो भी थे, उन्होंने शराब पी रखी थी। उन्होंने हम पर तलवारों और दूसरे हथियारों से हमला कर दिया। स्थिति लगातार बिगड़ रही थी और हिंसक भीड़ को काबू करना हमारे लिए मुश्किल हो गया था।