श्रीलंका में आपातकाल: आर्थिक संकट गहराया, ईंधन समाप्त, भारत ने भेजा 40 हजार टन डीजल, कोलंबो में सेना तैनात

राजपक्षे की सरकार को समर्थन दे रही 11 पार्टियों ने कैबिनेट भंग कर अंतरिम सरकार के गठन की मांग की

श्रीलंका में आपातकाल: आर्थिक संकट गहराया, ईंधन समाप्त, भारत ने भेजा 40 हजार टन डीजल, कोलंबो में सेना तैनात

श्रीलंका में आर्थिक संकट गहरा गया है, लोग भुखमरी की कगार पर आ गए हैं। श्रीलंका में फ्यूल और गैस की कमी हो गई है। लोगों को पेट्रोल-डीजल के लिए कई घंटों तक लाइन में लगना पड़ रहा है। एजुकेशनल बोर्ड के पास कागज और स्याही खत्म हो गई है। जिसके बाद परीक्षा अनिश्चितकाल के लिए टाल दी गई हैं। श्रीलंका में गुरुवार की शाम डीजल नहीं था, जिससे ट्रांसपोर्ट सिस्टम ठप हो गया। गुरुवार देर रात हजारों लोगों ने राष्ट्रपति राजपक्षे के निवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन और पथराव किया। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस हिंसक टकराव में कम से कम 5 पुलिसकर्मियों समेत 10 लोग घायल हुए। हिंसा के आरोप में 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने शुक्रवार को आपातकाल का ऐलान कर दिया। आदेश में कहा गया है कि देश की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के रखरखाव के लिए ये फैसला लिया गया है। इसके बाद पूरे देश में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शनिवार को राजधानी कोलंबो में सेना की तैनाती के बीच दुकानें खोली गईं, ताकि लोग जरूरी सामान खरीद सकें। भारत ने श्रीलंका को 1 बिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन दी है। इसी के तहत 40 हजार टन डीजल ले जाने वाला एक जहाज श्रीलंका पहुंचा है। इमरजेंसी के ऐलान के बाद सेना संदिग्धों को बिना किसी मुकदमे के गिरफ्तार कर सकती है और लंबे समय तक हिरासत में रख सकती है। रिपोर्ट के अनुसार राजपक्षे की सरकार को समर्थन दे रही 11 पार्टियों ने कैबिनेट भंग कर अंतरिम सरकार के गठन की मांग की है। इनका कहना है कि हालिया कैबिनेट बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हुई है।