जल्द भारत को मिलेगा ‘सफेद हंस’, वायुसेना की ताकत होगी दोगुनी

भारतीय वायुसेना (India Air Force) अब रूस (Russia) से एक और खतरनाक जेट खरीदने जा रही है। ये खबर ऐसे समय में आई जब भारत और रूस अपने रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। रूस, भारत को वो साझीदार है जिसने सबसे ज्यादा रक्षा उपकरण देश की सेनाओं को सप्लाई किए हैं।

जल्द भारत को मिलेगा ‘सफेद हंस’, वायुसेना की ताकत होगी दोगुनी
रूस का ये बॉम्बर जेट भारत को मिलेगा, इस बारे में पूर्व वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने अपने एक भाषण में इशारा दिया था। उन्होंने चाणक्य फाउंडेशन में एक भाषण देते हुए इस तरफ इशारा किया और फिर इस बारे में पुष्टि की।

9 अगस्त 22। भारतीय वायुसेना (IAF) रूस के साथ एक बड़ी डील करने जा रहा है। भारतीय रक्षा सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि पीएमओ की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद आईएएफ को रूस का सबसे खतरनाक बॉम्बर जेट मिल सकता है। ये जेट टीयू-160 है और इसे 'सफेद हंस' भी कहा जाता है। ये जेट दुनिया का सबसे एडवांस्ड बॉम्बर जेट है और इसे हासिल करने का मतलब वायुसेना की ताकत को दोगुना बढ़ाना है। रूस के साथ एस-400 और हाइपरसोनिक वेपन टेक्नोलॉजी की डील होने के बाद इस डील का होना दोनों देशों के मजबूत होते रिश्तों को भी बताता है। अभी तक हालांकि दोनों देशों की तरफ से इस पर कुछ भी नहीं कहा गया है।

भारत का पहला बॉम्बर

रूस का ये बॉम्बर जेट भारत को मिलेगा, इस बारे में पूर्व वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने अपने एक भाषण में इशारा दिया था। उन्होंने चाणक्य फाउंडेशन में एक भाषण देते हुए इस तरफ इशारा किया और फिर इस बारे में पुष्टि की थी। ये बॉम्बर जेट एक हाइपरसोनिक ग्लाइड वेपन है। इसे टोपलोव टीयू-160 कहा जाता है। नाटो ने इसे ब्लैक जेक नाम दिया है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक ये एक सुपरसोनिक जेट है जिसे सन् 1970 में डिजाइन किया गया था।

साल 1987 में ये सेवा में आया और सोवियत संघ के लिए डिजाइन किया गया आखिर स्ट्रैटेजिक बॉम्बर जेट बना। टीयू-160 के पूरे बेड़े को कई बार अपग्रेड किया गया है। साल 2000 से इस जेट में कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम इंस्टॉल किए जा रहे हैं। दिसंबर 2014 में अपग्रेडेड एयरक्राफ्ट की पहली डिलीवरी की गई थी। भारत के पास अभी तक कोई भी बॉम्बर जेट नहीं है और अगर ये जेट देश को मिलता है तो ये सबसे पहला होगा।

क्या होता है बॉम्बर जेट

बॉम्बर वो एयरक्राफ्ट होता है जो दुश्मन के इलाके में चुपचाप बम ड्रॉप करके वापस आ जाता है। इसके शामिल होने से बालाकोट जैसी एयरस्ट्राइक करने में आसानी हो सकेगी। ये बॉम्बर जेट 40,026 फीट की ऊंचाई पर अधिकतम 2220 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ान भर सकता है। एक बार में ये जेट 12,300 किलोमीटर तक की उड़ान भर सकता है। इस जेट को 960 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ाया जा सकता है।