भारत बंद के बाद गृहमंत्री शाह ने कल मीटिंग के लिए किसानों को बुलाया
दिल्ली में 4 घंटे लगा रहा चक्काजाम, किसान सड़कों से हटने लगे
कृषि बिल पर मची रार के बीच किसानों ने तीनों कृषि बिल वापसी को लेकर आज भारत बंद किया है। देश की 20 राजनीतिक पार्टियां और 10 ट्रेड यूनियंस बंद का समर्थन कर रही हैं। किसानों की बुधवार को सरकार से छठे राउंड की मीटिंग होनी है। इससे पहले इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर जाकर मुलाकात की। टिकरी बॉर्डर पर जुटे किसानों ने कहा है कि उन्हें कानून वापसी ही चाहिए और कुछ नहीं। किसानों ने 11 बजे तक 3 बजे तक चक्काजाम का ऐलान किया था। ऐसे में अब दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी सड़कों से हटने लगे हैं। सुबह जो 2 लेन बंद की गई थीं, उन्हें भी खोल दिया गया है।
आप ने कहा- भाजपा व अमरिंदर किसानों को देश विरोधी घोषित करना चाहते हैं
भारत बंद के बीच आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घर में नजरबंद कर दिया है। उनके घर किसी को आने-जाने की परमिशन नहीं है। पुलिस ने इस आरोप को गलत बताया है। पुलिस ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के नाते केजरीवाल जहां चाहें जा सकते हैं। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने कहा है कि भाजपा किसानों और केजरीवाल से परेशान है। केजरीवाल किसानों से मिलने सिंघु बॉर्डर गए तो भाजपा बेचैन हो गई। सिंघु बॉर्डर से लौटने के बाद से ही केजरीवाल को घर में नजरबंद कर रखा है। भाजपा को डर है कि केजरीवाल भारत बंद के समर्थन में उतर आएंगे और किसानों से बात करेंगे। भाजपा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से कुछ नहीं कहा, क्योंकि दोनों मिलकर किसानों को राष्ट्र विरोधी घोषित करना चाहते हैं।
हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस ने रास्ता बंद किया
हरियाणा और दिल्ली के बीच टिकरी बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच कई लेयर की बैरिकेडिंग है। पुलिस ने सड़क पर सीमेंट के भारी स्लैब डालकर रास्ता बंद किया हुआ है। किसान शांति से प्रदर्शन कर रहे हैं। बॉर्डर से कई किलोमीटर पहले से ही पुलिस वाले मुस्तैद खड़े नजर आते हैं। उनके हाथों में लाठियां और आंसू गैस के गोले दागने वाली बंदूकें हैं।
सरकार से बिल वापसी को लिखित में मांग रहे किसान
दिल्ली को रोहतक से जोड़ने वाले टिकरी हाईवे पर कई किलोमीटर तक ट्रैक्टर ट्रॉलियां ही खड़े हैं। सड़क के दोनों ओर किसान अपनी यूनियन के झंडे लिए नारेबाजी करते हुए चल रहे हैं। जितने भी किसानों से हमने बात की उनका यही कहना है कि तीनों कानून रद्द करने से कम वो किसी बात पर नहीं मानेंगे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। जो लोग 2-3 घंटे के लिए बंद में फंस जाएंगे, हम उन्हें पानी और फल पहुंचाएंगे। उधर, गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि अगर सरकार कानून बना सकती है, तो वापस भी ले सकती है। सरकार को किसान संगठनों और एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर काम करना चाहिए। हम तभी पीछा छोड़ेंगे, जब हमें अपनी मांगों पर लिखित में भरोसा मिलेगा।