मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव: 3 नवंबर को 28 सीटों पर वोटिंग, 10 को नतीजे आएंगे

मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव: 3 नवंबर को 28 सीटों पर वोटिंग, 10 को नतीजे आएंगे

मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव के लिए तारीखों की घोषणा कर दी गई। चुनाव आयोग ने 56 सीटों पर उपचुनाव का कार्यक्रम तय किया है। मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर 3 नवंबर को मतदान होगा। 10 नवंबर को चुनाव नतीजे आएंगे, जबकि 16 अक्टूबर को नामांकन करने की अंतिम तारीख होगी। बिहार चुनाव की तारीखों के ऐलान के समय मध्यप्रदेश में उपचुनाव का ऐलान नहीं किया गया था। तब चुनाव आयोग ने कहा था कि उपचुनावों को लेकर 29 सितंबर की मीटिंग में फैसला लिया जाएगा। मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। पहली बार प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर उपचुनाव हो रहे हैं। इसकी वजह प्रदेश में मार्च में हुआ सियासी फेरबदल है। इसी साल 10 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद अल्पमत में आई कमलनाथ सरकार गिर गई थी। कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने से 22 सीटें खाली हो गई थीं। इसके बाद जुलाई में बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और नेपानगर से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी कसडेकर ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली। फिर मांधाता विधायक भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। इसके अलावा तीन विधायकों का निधन हो गया।

शिवराज, कमलनाथ, सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर
सिंधिया के साथ 22 विधायक कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए थे। इनमें 16 सीटें उनके प्रभाव क्षेत्र ग्वालियर-चंबल की हैं। यह सिंधिया के प्रभाव वाला इलाका है। इन सीटों पर भाजपा को जिताना उनके लिए बड़ी चुनौती है। कांग्रेस ने अब तक 24 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। भाजपा के नामों की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन 25 सीटों पर उसके प्रत्याशी लगभग तय माने जा रहे हैं। इनमें 22 वह विधायक होंगे जो सिंधिया के साथ भाजपा में आए और तीन वे जिन्हें सीएम शिवराज ने शामिल कराया। 

जिन 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 27 पर पहले कांग्रेस का कब्जा था
राज्य की जिन 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें से 27 पर पहले कांग्रेस का कब्जा था। प्रदेश में 230 सदस्यीय राज्य विस में बहुमत के लिए 116 सीटें होना जरूरी हैं। अगर भाजपा उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन करती है, तो उसकी सरकार और स्थिर होगी। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस की कोशिश है कि वह 20 या उससे ज्यादा सीटें जीत ले, जिससे एक बार फिर प्रदेश में सत्ता पलट सकती है।

मध्यप्रदेश में मौजूदा विधानसभा की स्थिति
भाजपा-107
कांग्रेस-88
बसपा-2
सपा-1
निर्दलीय-4
खाली सीटें-28
कुल सीटें-230

2018 में हुए चुनाव के बाद विधानसभा की स्थिति
कांग्रेस-114
भाजपा-109
बसपा-2
निर्दलीय-4
सपा-1
कुल सीटें 230