बिहार में बीजेपी के हर हमले की अचूक काट है CM नीतीश का ये 'ब्रह्मास्त्र'

बिहार में महागठबंधन सरकार बनाने के बाद नीतीश के साथ सरकार में रही बीजेपी का हमलावर होना तय था। नीतीश और उनकी पार्टी जेडीयू ने सोची-समझी रणनीति के तहत बिहार के बीजेपी नेताओं के हमले का जवाब तय किया है।

बिहार में बीजेपी के हर हमले की अचूक काट है CM नीतीश का ये 'ब्रह्मास्त्र'
नीतीश कुमार पटना में कई बार मीडिया द्वारा बीजेपी नेताओं के हमले पर पूछे गए सवाल के जवाब में यही लाइन लेते दिखे कि ये लोग अनाप-शनाप बोलेंगे नहीं तो इन लोगों को दिल्ली वाला यानी पार्टी नेतृत्व आगे नहीं बढ़ाएगा।

21 सितंबर 22। बिहार में महागठबंधन के साथ दूसरी पारी खेल रहे जेडीयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar)ने बिहार में भाजपा के तमाम नेताओं के हर तरह के हमले की काट में एक 'ब्रह्मास्त्र' खोज लिया है। हमला सुशील मोदी करें या संजय जायसवाल, सवाल गिरिराज सिंह उठाएं या रविशंकर प्रसाद, नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के ज्यादातर नेताओं ने एक ही लाइन पकड़ ली है- अंड-बंड बोलेंगे नहीं तो दिल्ली वाला आगे नहीं बढ़ाएगा, दिल्ली वाला भाव नहीं देगा।

मतलब, बीजेपी का कोई भी नेता जो कुछ भी बोलता है वो सब नीतीश कुमार के लिए अंड-बंड बन जाता है। एनडीए छोड़ते वक्त नीतीश कुमार को पता था कि बीजेपी वाले चुप बैठेंगे नहीं। उनको ये भी पता था कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बीजेपी के हमले और तेज और तीखे भी होंगे। इसलिए बीजेपी के हमलों की काट चाहिए और वो उन्होंने बहुत सधे तरीके से खोज ली।

बीजेपी तो बीजेपी नीतीश इस अंड-बंड स्ट्रैटजी को प्रशांत किशोर पर भी लागू करते नजर आए जब प्रशांत ने नीतीश के कार्यकाल को लेकर कई तरह के आरोप लगाए थे और दावा किया था कि 2025 के चुनाव से पहले गठबंधन टूट जाएगा।

नीतीश और जेडीयू दोनों के बड़े नेताओं का(Counterattack on BJP leaders' allegation) बीजेपी नेताओं के आरोप पर पलटवार में सबसे कॉमन चीज यही है कि नीतीश समेत सारे नेता फटाक से जवाब देते हैं और कहते हैं कि ये अगर इस तरह की बात नहीं करेंगे तो इनको बीजेपी में आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।