मैं अपने बच्चों की कसम खाता हूं, आखिरी सांस तक कश्मीर नहीं लौटूंगा
27 अक्टूबर 22। दक्षिण कश्मीर के शोपियां में 10 कश्मीरी पंडितों के पलायन की खबर से हड़कंप की स्थिति है। हालांकि शोपियां के अधिकारी दावा करते हैं कि यहां से कोई पलायन नहीं हुआ है। जिला प्रशासन ने लोकल मीडिया की खबरों और तस्वीरों को फर्जी और तथ्यहीन करार देते हुए तर्क दिया सर्दियों की शुरुआत और फसलों की कटाई समाप्त होने के बाद कई परिवार जम्मू चले जाते हैं। जिले में डर के कारण पलायन की कोई घटना नहीं हुई है। जिला प्रशासन शोपियां ने स्पष्ट किया कि कश्मीरी गैर प्रवासी हिंदू बस्तियों और गांवों के अन्य इलाकों में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। शोपियां के इन्फार्मेशन और पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट के आफिसियल ट्विटर हैंडल ने दावा किया कि कश्मीरी गैर प्रवासी हिंदू आबादी के पलायन की खबरें निराधार हैं।
16 अक्टूबर को आतंकवादियों ने पूरन कृष्ण भट की हत्या कर दी थी। उनके भाई अश्विनी कुमार भट ने कहा, "हम वहां से चले गए हैं। मैं कभी नहीं लौटूंगा। मैं अपने बच्चों की कसम खाता हूं, मैं अपने जीवन की आखिरी सांस तक नहीं लौटूंगा।" अपने बच्चों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि न तो वह कश्मीर लौटेंगे और न ही अपने बच्चों को वहां जाने देंगे। पूरन कृष्ण भट को आतंकवादियों ने शोपियां के चौधरीगुंड इलाके में 20 मीटर की दूरी पर स्थित मायोनोरिटी पुलिस पिकेट के पास मार दिया था। इसके पास ही आर्मी कैम्प भी है।
जानिए क्या है पूरा मामला
हाल ही में आतंकवादियों द्वारा कई टार्गेट किलिंग को अंजाम देने के बाद 10 कश्मीरी पंडित परिवार डर के मारे दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में अपना गांव छोड़कर जम्मू पहुंच गए हैं। चौधरीगुंड के निवासियों ने कहा कि हाल के आतंकवादी हमलों ने उन पंडितों के बीच एक मानसिक भय पैदा कर दिया है, जो 1990 के दशक में आतंकवाद के सबसे कठिन दौर में कश्मीर में रहते थे और अपना घर नहीं छोड़ते थे।