केरल में राज्यपाल ने लिखा CM को लेटर, वित्तमंत्री को बर्खास्त करो

केरल में राज्यपाल ने लिखा CM को लेटर, वित्तमंत्री को बर्खास्त करो
केरल में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को एक पत्र लिखकर फाइनेंस मिनिस्टर बालागोपाल को कैबिनेट से बर्खास्त करने को कहा है। दरअसल, यह मामला राज्य की यूनिवर्सिटी को लेकर चल रहे विवाद में बालागोपाल के बयान के बाद तूल पकड़ा है।

26 अक्टूबर 22। केरल में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान(Governor of Kerala, Arif Mohammad Khan) और LDF सरकार के बीच तनातनी थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बार राज्यपाल के निशाने पर फाइनेंस मिनिस्टर केएन बालागोपाल(K N Balagopa) निशाने पर आए हैं। गवर्नर ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन( Chief Minister Pinarayi Vijayan) को एक पत्र लिखकर बालागोपाल को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाने की बात कही है। दरअसल, यह मामला राज्य की यूनिवर्सिटी को लेकर चल रहे विवाद में बालागोपाल के बयान के बाद तूल पकड़ा है।

पढ़िए राज्यपाल ने क्या लिखा?

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि वित्तमंत्री केएन बालागोपाल सम्मान खो चुके हैं, इसलिए उन्हें पद से हटा दिया जाए। राज्यपाल ने मंत्री के एक भाषण पर आपत्ति जताई है। इससे पहले केएन बालगोपाल ने कहा कि कुछ समूहों के पास राज्य के विश्वविद्यालयों के बारे में गलत विचार थे, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वे कौन थे? इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार(22 अक्टूबर) को कहा कि यह बयान उनकी अज्ञानता को प्रदर्शित करता है। खान ने कहा कि वह यह तय करने के लिए मुख्यमंत्री के विवेक पर छोड़ देंगे कि मंत्री को कैबिनेट से हटाया जाए या नहीं?

25 अक्टूबर को लिखे लेटर में राज्यपाल ने कहा कि सीएम का ध्यान 19 अक्टूबर, 2022 को पब्लिश खबरों की ओर दिलाना चाहते हैं। ये खबरें साफतौर पर उन्हें कलंकित करने का प्रयास हैं। राज्यपाल की छवि और पद की गरिमा को कम करना। राज्यपाल ने केएन बालागोपाल का जिक्र करते हुए कहा कि सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात फाइनेंस मिनिस्टर ने की थी। केएन बालागोपाल क्षेत्रवाद और प्रांतवाद की आग भड़काना चाहते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री ने इन आरोपों का खंडन किया है।

जानिए यूनिवर्सिटी से जुड़ा विवाद

पिछले दिनों केरल के गर्वनर ने ट्वीट कर 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का इस्तीफा मांग लिया था। इन सभी के VC को 24 अक्टूबर को सुबह 11:30 बजे तक अपना इस्तीफा देने का अल्टीमेटम दिया गया था। हालांकि मामला केरल हाईकोर्ट में चला गया और केरल हाईकोर्ट ने कहा कि राज्यपाल का फाइनल आदेश आने तक कुलपति अपने पद पर बने रह सकते हैं। कुलपतियों ने हाईकोर्ट में राज्यपाल के आदेश को चैलेंज किया था।