महाकाल मंदिर पूरी तरह बदला हुआ आएगा नजर, अब देश के सबसे आधुनिक मंदिरों में होगा शुमार

500 करोड़ से हो रहा मंदिर का कायाकल्प, त्रिेवेणी संग्रहालय से मंदिर तक 700 मीटर का कॉरिडोर बनेगा, दीवारों पर उकेरी जाएंगी शिव की आकृतियां

महाकाल मंदिर पूरी तरह बदला हुआ आएगा नजर, अब देश के सबसे आधुनिक मंदिरों में होगा शुमार

मध्य प्रदेश में उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर भविष्य में पूरी तरह बदला हुआ नजर आएगा। उज्जैन स्मार्ट सिटी योजना के तहत मंदिर के विकास और विस्तार का काम शुरू हो चुका है। परियोजना पूरी होने के बाद सिंहस्थ-2028 में महाकाल मंदिर क्षेत्र एक नए रूप में दिखाई देगा। महाकालेश्वर मंदिर परिसर का क्षेत्रफल वर्तमान से करीब आठ गुना बड़ा हो जाएगा। अभी मंदिर परिसर 2.82 हेक्टेयर में फैला है। विस्तारित क्षेत्र 20.23 हेेक्टेयर हो जाएगा। गौरतलब है कि 12 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाकाल विकास परियोजना का निरीक्षण कर अधिकारियों की बैठक ली थी। उन्होंने योजना के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया था। परियोजना के पहले चरण में महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिडवे जोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डेक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्पलेक्स, गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स, पार्किंग, धर्मशाला, प्रवचन हॉल व अन्नक्षेत्र का निर्माण होगा। दूसरे चरण में महाराजवाड़ा, रुद्रसागर जीर्णोद्धार, छोटा रुद्रसागर लेक फ्रंट, रामघाट का सौन्दर्यीकरण, पार्किंग, पर्यटन सूचना केंद्र, हरिफाटक ब्रिज का चैड़ीकरण, रेलवे अंडरपास, रुद्रसागर पर पैदल पुल, महाकाल द्वार, बेगमबाग मार्ग का विकास, रुद्रसागर पश्चिमी मार्ग और महाकाल पहुंच मार्ग का विकास किया जाएगा।

मल्टी लेवल पार्किंग व बोटिंग की मिलेगी सुविधा, कुछ स्कूल व अव्यवस्थित मकान किए जाएंगे शिफ्ट
योजना के तहत त्रिवेणी संग्रहालय के पास ही मल्टी लेवल पार्किंग होगी, जहां एक साथ 350 से अधिक वाहन पार्क किए जा सकेंगे। यहां से पूरे क्षेत्र पर निगरानी के लिए वाच टॉवर और कंट्रोल रूम भी होगा। पास ही 25 फीट ऊंची मूर्तियों के साथ बैठने का स्थान भी होगा। यहीं श्रद्धालुओं को बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। महाकाल मंदिर क्षेत्र स्थित घनी आबादी में 16 स्कूल व संस्कृत कॉलेज हैं। इन्हें यहां से शिफ्ट कर नए बन रहे नूतन स्कूल और गणेश स्कूल परिसर में शिफ्ट किया जाएगा। उसके बाद यहां की भूमि को मंदिर प्रबंधन में उपयोग की जाएगी। इसके अलावा मंदिर के पास बेगमबाग इलाके के 200 अव्यवस्थित मकानों को धतरावदा में विस्थापित कर बहुमंजिला मकानों में शिफ्ट किए जाने की योजना है। योजना के दूसरे चरण में रुद्र सागर का जीर्णोद्धार किया जाएगा। महाराजवाड़ा परिसर को कुंभ संग्रहालय के रूप में उपयोग किया जाएगा। यहां नक्षत्र वाटिका भी बनेगी। महाकाल मंदिर से महाकाल चैराहे तक 24 मीटर चैड़ा मार्ग बनाया जाएगा। बड़ा गणेश मंदिर से 24 खंभा माता मंदिर तक 12 मीटर चैड़ा मार्ग होगा। वहीं महाकाल मंदिर परिसर स्थित अन्नक्षेत्र, प्रवचन हॉल व धर्मशाला को त्रिवेणी संग्रहालय के पास स्थानांतरित किया जाएगा। त्रिवेणी संग्रहालय के पास महाकाल का विशाल मुख्य द्वार बनाया जा रहा है। यहां से श्रद्धालुओं को सीधे महाकाल मंदिर में पहुंचाया जाएगा।