बेहतर वेतन की मांग को लेकर 40 देशों में अमेजन के खिलाफ मेगा प्रदर्शन!

बेहतर वेतन की मांग को लेकर 40 देशों में अमेजन के खिलाफ मेगा प्रदर्शन!
जर्मनी में Ver।di की Amazon समिति की प्रमुख मोनिका डि सिल्वेस्ट्रे ने कहा कि कर्मचारियों की उत्पादकता पर कंप्यूटर द्वारा बारिकी से नजर रखी जा रही है जिसे लेकर कर्मचारी परेशान हैं। जिसमें एल्गोरिदम से लक्ष्य निर्धारित किया जाता है कि वे प्रति घंटे कितने पैकेजों को संभालते हैं। कर्मचारी इसके चलते बेहद दबाव महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यूरोप के राजनीतिक नेताओं से श्रमिक कानून को मजबूत किए जाने की मांग की है।

25 नवंबर 22।  दुनियाभर के 40 देशों में अमेजन के हजारों कर्मचारी कंपनी के खिलाफ होने वाले धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेने जा रहे हैं। ये धरना प्रदर्शन को ब्लैक फ्राइडे सेल्स का नाम दिया गया है। ये Thanksgiving Day वाले दिन होने जा रहा है जिन दिन सबसे ज्यादा ऑनलाइन शॉपिंग लोग करते हैं।

ब्लूमबर्ग के रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका के साथ यूरोप के कई देशों में अमेजन के हजारों कर्मचारी बेहतर वेतन और कमरतोड़ महंगाई के चलते कॉस्ट ऑफ लिविंग क्राइसिस के मद्देनजर काम करने के लिए उचित माहौल  की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। 40 देशों में कर्मचारी मेक अमेजन पे (Make Amazon Pay) के नाम से मुहिम चला रहे हैं। इस मुहिम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग अलग देशों  के ट्रेड यूनियनों,पर्यावरण और सिविल सोसाइटी ग्रुप्स का समर्थन हासिल है। इन यूनियनों की मांग है कि ये टेक कंपनियां कानून का सम्मान करते हुए उन कर्मचारियों से बात करें जो अपने काम को बेहतर बनाना चाहते हैं साथ ही कंपनी अपनी भयानक, असुरक्षित प्रथाओं को फौरन बंद करे।

जर्मनी में Ver।di की Amazon समिति की प्रमुख मोनिका डि सिल्वेस्ट्रे ने कहा कि कर्मचारियों की उत्पादकता पर कंप्यूटर द्वारा बारिकी से नजर रखी जा रही है जिसे लेकर कर्मचारी परेशान हैं। जिसमें एल्गोरिदम से लक्ष्य निर्धारित किया जाता है कि वे प्रति घंटे कितने पैकेजों को संभालते हैं। कर्मचारी इसके चलते बेहद दबाव महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यूरोप के राजनीतिक नेताओं से श्रमिक कानून को मजबूत किए जाने की मांग की है।

यूनाइटेड किंग्डम के यूनियन का कहना है कि अमेजन के कर्मचारी ज्यादा काम कर रहे हैं और उन्हें उसके मुताबिक वेतन नहीं दिया जा रहा है।