कोविड-19 वैक्सीन के लिए अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर व मॉडर्ना ने मांगा इमरजेंसी अप्रूवल

सीरम के सीईओ अदार ने कहा- कोवीशील्ड के इमरजेंसी अप्रूवल के लिए करेंगे आवेदन

कोविड-19 वैक्सीन के लिए अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर व मॉडर्ना ने मांगा इमरजेंसी अप्रूवल

अमेरिकी दवा कंपनियों फाइजर और मॉडर्ना ने कोरोना वैक्सीन के लिए अमेरिका के साथ ही यूरोपीय संघ में भी इमरजेंसी अप्रूवल मांगा है। इस पर जल्द ही फैसला हो सकता है। इसी तरह दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (सीआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला ने भी कहा है कि वे भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोवीशील्ड के लिए भारत में इमरजेंसी अप्रूवल मांगने वाले हैं। यह जानकारी मीडिया रिपोट्र्स में आई है। दवाओं की ही तरह वैक्सीन को भी हर देश में रेगुलेटरी प्रक्रियाओं से गुजरना होता है। भारत में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन यह अप्रूवल देता है। यह अप्रूवल वैक्सीन और दवाओं के केस में उसकी सेफ्टी और इफेक्टिवनेस के आधार पर दिए जाते हैं। इसका बेस बनता है जानवरों और इंसानों पर हुए ट्रायल्स का डाटा। ट्रायल्स के हर स्टेज पर भी रेगुलेटर से अप्रूवल की जरूरत पड़ती है। यह एक लंबी प्रक्रिया है। उसमें ही पता चलता है कि कोई दवा या वैक्सीन सेफ और इफेक्टिव है या नहीं। अधिक समय तक कोरोना वैक्सीन का इंतजार नहीं किया जा सकता। इस वजह से दुनियाभर में ड्रग रेगुलेटर्स दवाओं, वैक्सीन और अन्य मेडिकल प्रोडक्ट्स को इमरजेंसी अप्रूवल दे रहे हैं। इसके लिए वैक्सीन के सेफ और इफेक्टिव होने के पर्याप्त सबूत चाहिए। जब सभी जरूरी ट्रायल्स पूरे हो जाएंगे, तभी उसके डेटा के एनालिसिस के आधार पर अंतिम अप्रूवल मिलेगा। इस बीच म्न्। मिलने पर ही लोगों पर उस दवा या वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह भी तब दिया जाता है, जब मार्केट में उसके विकल्प नहीं होते।