इफेक्टिव वैक्सीन की तलाश जारी: चीन में लोगों को जबरदस्ती लगाया जा रहा वैक्सीन

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा- भारत सरकार को इंतजाम करना होगा 80 हजार करोड़ रुपए राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार की पॉलिसी पर उठाए सवाल

इफेक्टिव वैक्सीन की तलाश जारी: चीन में लोगों को जबरदस्ती लगाया जा रहा वैक्सीन

अब दुनिया में कोविड-19 के पॉजिटिव मामले बढ़कर तीन करोड़ के पार हो चुके हैं और 10 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जब पूरी दुनिया इफेक्टिव वैक्सीन की तलाश कर रही है, ऐसे में चीन ने सरकारी कंपनियों, सरकारी अधिकारियों, वैक्सीन कंपनी के स्टाफ, टीचर्स, सुपरमार्केट के कर्मचारियों और विदेश जा रहे लोगों को वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार को वैक्सीन के लिए 80 हजार करोड़ रुपए का इंतजाम करना होगा। इस पर राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार की पॉलिसी पर सवाल उठाए हैं।


न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट: इमरजेंसी यूज बताकर लगाया जाएगा वैक्सीन
चीन में न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इमरजेंसी यूज बताकर चीन में सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाने की तैयारी कर रही है। ऑस्ट्रेलिया में मर्डोक चिल्ड्रंस रिसर्च इंस्टीट्यूट में पीडियाट्रिशियन डॉ. किम मुल्होलैंड ने कहा कि मुझे लग रहा है कि सरकारी कंपनियों के कर्मचारियों के लिए वैक्सीन लगाना मुश्किल हो रहा होगा। इतने सारे लोग बिना अप्रूवल वाले वैक्सीन लगाने को खुद राजी नहीं हुए होंगे। वैक्सीन का इंजेक्शन लगाने से पहले लोगों से नॉन-डिस्क्लोजर एग्रीमेंट पर साइन लिए जा रहे हैं ताकि वे मीडिया को कोई जानकारी न दे सकें।


न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि कितने लोगों को वैक्सीन लगाया गया है। चीन की सरकारी कंपनी सिनोफार्म ने कहा कि हजारों लोगों को वैक्सीन लगाया गया है। बीजिंग की कंपनी सिनोवेक ने कहा कि बीजिंग में ही 10 हजार लोगों को वैक्सीन लगाया गया है। साथ ही कंपनी के करीब 3,000 कर्मचारियों को भी वैक्सीन लगाया है। चाइना सेंट्रल टेलीविजन पर स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि सरकार बाजार, ट्रांसपोर्टेशन और सर्विस इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों को भी इमरजेंसी यूज में शामिल करने पर विचार कर रही है।
कनाड़ा ने 20 मिलियन डोज खरीदने की डील की
कनाड़ा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 20 मिलियन कोविड-19 वैक्सीन डोज सिक्योर करने की डील पर साइन करने की घोषणा की है। मीडिया को संबोधित करते हुए ट्रूडो ने कहा कि एस्ट्राजेनेका के साथ एग्रीमेंट किया गया है, जो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर वैक्सीन विकसित कर रहा है। इस डील के साथ ट्रूडो सरकार ने छह प्रमुख वैक्सीन कैंडीडेट्स हासिल करने की तैयारी कर ली है। अब तक कोई कैंडीडेट फेज-3 के ट्रायल्स से गुजरकर अप्रूवल की स्टेज तक नहीं पहुंचा है।
जेएंडजे वैक्सीन के शुरुआती नतीजे रहे अच्छे
जॉनसन एंड जॉनसन की ओर से विकसित किए जा रहे कोविड-19 वैक्सीन के शुरुआती नतीजे बहुत अच्छे रहे हैं। उन्होंने मजबूत इम्युन रिस्पॉन्स दिखाया है। सीएनएन के मुताबिक फेज 1ध्2 के क्लीनिकल ट्रायल्स में यह सामने आया है कि सिर्फ एक डोज तकरीबन सभी 800 पार्टिसिपेंट्स में मजबूत इम्युन रिस्पॉन्स भी दिखाया है। इस ट्रायल में 18-55 वर्ष और 65 वर्ष से ज्यादा आयु वाले लोगों के दो एज ग्रुप बनाए थे। इसके जरिए दो अलग-अलग डोज के सेफ्टी और साइड-इफेक्ट पर भी देखा गया। रिसर्चर्स ने पाया कि वैक्सीन लगने के 29 दिन बाद 99ः प्रतिभागियों में एंटीबॉडी डेवलप हुई है।


भारत दुनिया का इकलौता देश है जहां 50 लाख मरीज ठीक हुए
अच्छी खबर यह है कि देश में संक्रमण से ठीक होने वालों का आंकड़ा रविवार को 50 लाख के पार कर गया। भारत दुनिया का इकलौता देश है, जहां इतने ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। देश का रिकवरी रेट 82.74ः हो चुका है। मतलब अब हर 100 मरीजों में 82 लोग ठीक हो रहे हैं। वहीं, बुरी खबर यह है कि देश में पिछले 27 दिनों से एक हजार से ज्यादा मौतें हो रही हैं। एक से 27 सितंबर तक एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब मौतें एक हजार से कम हुई हों। हालात ऐसे हैं कि रोजाना औसतन 1066 लोग की जान जा रही हैं। यह दुनिया के सबसे संक्रमित देश अमेरिका (895) और ब्राजील (826) के रोजाना के एवरेज से ज्यादा है। देश में अब तक 60 लाख 73 हजार 348 केस हो चुके हैं। रविवार को 74 हजार 679 मरीज ठीक भी हो गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को अपने आंकड़े जारी किए। पिछले 24 घंटे में 82 हजार 170 मरीज बढ़े और 1039 लोगों की जान चली गई। इसके साथ देश में संक्रमितों को आंकड़ा 60 लाख 74 हजार 703 हो गया है। इनमें 9 लाख 62 हजार 640 एक्टिव मरीज हैं। वहीं, 50 लाख 16 हजार 521 लोग स्वस्थ हो गए हैं। देश में अब तक 95 हजार 542 लोगों की मौत हो चुकी है।


इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक, रविवार को 7 लाख 9 हजार 394 लोगों का टेस्ट किया गया। इस तरह देश में अब तक 7 करोड़ 19 लाख 67 हजार 230 सैंपल की जांच की जा चुकी है।