अलकायदा के नये सदस्यों को ऐप से कोडवर्ड में बात करने की दे रहे ट्रेनिंग

अलकायदा के नये सदस्यों को ऐप से कोडवर्ड में बात करने की दे रहे ट्रेनिंग
पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष कार्यबल (की टीम ने हाल में राज्य के दक्षिण दिनाजपुर के साथ कोलकाता के तपसिया से चरमपंथी संगठन अलकायदा से जुड़े कुछ संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ में पुलिस को कई तथ्य मिले हैं।

25 अक्टूबर 22। पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) की टीम ने हाल में राज्य के दक्षिण दिनाजपुर के साथ कोलकाता के तपसिया से चरमपंथी संगठन अलकायदा से जुड़े कुछ संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ में पुलिस को कई तथ्य मिले हैं। पुलिस सूत्रों की मानें, तो संदिग्ध आतंकियों ने प्राथमिक पूछताछ में बताया कि वे भारतीय उपमहाद्वीप (भारत व बांग्लादेश) में विशेष उद्देश्य को पूरा करने के लिए यहां के विभिन्न राज्यों में कट्टरपंथी विचारधारा के लोगों को संगठन से जोड़ रहे थे।

संदिग्ध आतंकी ओली उल्लाह मिलॉन से मिलती थी ट्रेनिंग

बांग्लादेश में ऐसे लोगों को संगठन से जोड़ने के साथ उन्हें पश्चिम बंगाल व असम के रास्ते भारतीय सीमा में घुसपैठ करा कर वे अपने संगठन के कार्य की जिम्मेदारी इन लोगों को सौंपते थे। इन लोगों को संदिग्ध आतंकी ओली उल्लाह मिलॉन से ट्रेनिंग मिलती थी। एसटीएफ सूत्रों का दावा है कि अलकायदा ही नहीं, उसके सहयोगी संगठन अंसारुल बांग्लादेश टीम (एबीटी) के सदस्य भी यही रास्ता चुन रहे हैं।

कोड वर्ड में बात करने की दे रहा था ट्रेनिंग 

संगठन के नये सदस्यों को आपस में कोड वर्ड में बात करने के लिए विशेष ऐप के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी जा रही थी। भोपाल एनआइए के हाथों ओली उल्लाह की गिरफ्तारी के बाद सामिद अली मियां उर्फ मुफक्किर नामक संदिग्ध आतंकी को नये सदस्यों को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी मिली। गत अगस्त में मुफक्किर और उसके साथी अकील अहमद शेख को भोपाल-एनआइए की टीम ने गिरफ्तार किया है।

मजहबी जलसों के नाम पर जुटाते थे फंड

इन आतंकियों से जांच अधिकारियों को पूछताछ में यह भी पता चला है कि ये लोग विभिन्न जगहों पर मजहबी जलसे होने के नाम पर टेरर फंडिंग के लिए चंदा जुटाते थे। इसमें मिली राशि को संगठन में विस्तार पर खर्च किया जाता था।