अब हुड्डा के 'आजाद' रुख पर मचा बवाल, कुमारी शैलजा ने खोला मोर्चा

अब हुड्डा के 'आजाद' रुख पर मचा बवाल, कुमारी शैलजा ने खोला मोर्चा
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में भूचाल आ गया है। कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की घोषणा की है लेकिन ग्रुप 23 के बाकी बचे सदस्य इसकी निष्पक्षता को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।

1 सितंबर 22। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा(Former Haryana Chief Minister Bhupinder Singh Hooda) ने कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके नेता गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की है। इसके बाद कुमारी सैलजा (Kumari Selja)ने कांग्रेस आलाकमान से मांग की है कि हुड्डा को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। कुमारी सैलजा हरियाणा की पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष हैं और कांग्रेस वर्किंग कमिटी की सदस्य भी हैं। उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से भूपेंद्र सिंह हुड्डा की शिकायत की है। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व से कारण बताओ नोटिस देने की मांग की है। हरियाणा के कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल ने शिकायत पत्र मिलने की पुष्टि की और बताया कि वो मामले को पार्टी आलकमान के सामने रखेंगे।

इससे पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। उन्होंने कहा था कि जब कोई वरिष्ठ नेता इस प्रकार का कदम उठाता है तो पार्टी के संगठन पर असर पड़ता है। इस संबंध में जब हुड्डा से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है, मुझे सिर्फ यही कहना है।” उन्होंने कहा कि आजाद हमेशा से कांग्रेसी रहे हैं। गौरतलब है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुलाम नबी आजाद की अगुवाई वाले ग्रुप 23 के प्रमुख सदस्य रहे हैं। ग्रुप 23 के सदस्य कांग्रेस में अंदरुनी सुधार के लिए कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने में लगे थे लेकिन गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद अब यह बिखर गया है। हुड्डा ने गुलाम नबी के इस्तीफे पर यह भी कहा था कि पार्टी आलाकमान को इस पर निर्णय लेना है कि हालिया घटनाक्रम के आलोक में आगे क्या करना उचित होगा। जी 23 के तीन नेताओं आनंद शर्मा, भूपेंद्र हुड्डा और पृथ्वी राज चव्हाण ने कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले गुलाम नबी आजाद से कल शाम मुलाकात की थी।

गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में भूचाल (After the resignation of Ghulam Nabi Azad, there was an earthquake in the Congress)आ गया है। कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की घोषणा की है लेकिन ग्रुप 23 के बाकी बचे सदस्य इसकी निष्पक्षता को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। ग्रुप 23 के नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि जब मतदाता सूची ही स्पष्ट नहीं है तो अध्यक्ष पद का चुनाव कितना निष्पक्ष हो सकता है। उन्होंने मतदान करने वाले प्रतिनिधियों की सूची सार्वजनिक करने की मांग की है। मनीष तिवारी संगठन चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री से पूछा है कि मतदाता सूची सार्वजनिक किए बिना निष्पक्ष चुनाव कैसे होगा? तिवारी ने पूछा है कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए क्या राज्यों में भटकना होगा? इससे पहले मधुसूदन मिस्त्री ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में करीब 9 हजार मतदाता वोटिंग करेंगे और यह मतदाता सूची प्रदेश कार्यालय में उपलब्ध है। इससे पहले आंनद शर्मा भी सीडब्ल्यूसी की बैठक में मतदाता सूची पर सवाल उठा चुके हैं।