क्या है प्राइवेट जेट में सफर करने वाले ईसाई धर्मगुरु का D कंपनी कनेक्शन?

दाऊद इब्राहिम के खास गुर्गे रियाज भाटी से बिशप पीसी सिंह का कनेक्शन है। बिशप ने रियाज भाटी से मिशनरी के मुंबई स्थित जिमखाना का सौदा 3 करोड़ रुपये में किया था, जिसका एग्रीमेंट मुंबई पुलिस ने रियाज भाटी से पूर्व में ही जब्त किया कर लिया है।

क्या है प्राइवेट जेट में सफर करने वाले ईसाई धर्मगुरु का D कंपनी कनेक्शन?
ईओडब्ल्यू ने बिशप पीसी सिंह, बीएस सोलंकी तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एंड संस्थाएं के विरुद्ध धारा 406, 420, 668, 47, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया था। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ और मध्य प्रदेश में ऐसे ही मामलों में बिशप पीसी सिंह और उसके साथियों पर करीब 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जिसमें करीब 35 मामलों में बिशप पीसी सिंह नामजद आरोपी बनाया गया है।

10 सितंबर 22।    मध्य प्रदेश के जबलपुर में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) द्वारा द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया (The Board of Education Church of North India)डायोसिस के बिशप पीसी सिंह के निवास एवं कार्यालय में की गई कार्रवाई के बाद रोज एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं, जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश के साथ देश के कई राज्यों में हो रही है। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को धर्मांतरण, पैसों का उपयोग कहां किया जाता था, इन सभी बिंदुओं पर जिला प्रशासन और ईओडब्ल्यू को जांच करने के निर्देश दिए हैं।

हालांकि धनकुबेर बिशप पीसी सिंह(Dhankuber Bishop PC Singh) का अब एक और नया कनेक्शन सामने आया है। सूत्र बताते हैं कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खास गुर्गे रियाज भाटी से भी बिशप पीसी सिंह का कनेक्शन है। बताया जा रहा है कि बिशप ने रियाज भाटी से मिशनरी के मुंबई स्थित जिमखाना का सौदा तीन करोड़ रुपये में किया था, जिसका एग्रीमेंट मुंबई पुलिस ने रियाज भाटी से पूर्व में ही जब्त किया कर लिया है।

कार्रवाई के दौरान ये दस्तावेज हुए बरामद

बता दें, ईओडब्ल्यू की टीम को सर्च कार्रवाई के दौरान एक करोड़ 65 लाख रुपये नकद, 18 हजार 552 डॉलर, 118 पाउंड, 8 लग्जरी कार, 90 लाख रुपये की डिस्कवरी कार, 48 बैंक खाते, 17 प्रॉपर्टी के दस्तावेज सहित अन्य दस्तावेज मिले थे। इसी आधार पर ईओडब्ल्यू ने बिशप पीसी सिंह, बीएस सोलंकी तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एंड संस्थाएं के विरुद्ध धारा 406, 420, 668, 47, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया था। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ और मध्य प्रदेश में ऐसे ही मामलों में बिशप पीसी सिंह और उसके साथियों पर करीब 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जिसमें करीब 35 मामलों में बिशप पीसी सिंह नामजद आरोपी बनाया गया है।

नितिन लॉरेंस ने दर्ज कराई थी शिकायत

बताया जा रहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों को छत्तीसगढ़ निवासी नितिन लॉरेंस ने एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया था कि लग्जरी लाइफ का शौकीन बिशप प्रॉपर्टी कारोबारी पॉल दिनाकरन का भी दोस्त है। दिनाकरन को जमीन खरीदने का काफी शौक है। इस शौक को पूरा करने का काम बिशप पीसी सिंह ने किया, जिस कारण पॉल दिनाकरन के चार्टर्ड प्लेन का उपयोग बिशप पीसी सिंह करता है। नितिन के मुताबिक, दिनाकरन का विमान नागपुर हवाई अड्डे पर स्थाई रूप से खुद के उपयोग के लिए पार्क रहता है। बिशप पीसी सिंह इसी विमान से परिवार समेत विदेश की सैर करता है।

2017 में चुना गया सीनेट का मॉडरेटर

बताया रहा है कि जबलपुर डायोसिस के चेयरमैन और ईसाई धर्मगुरु बिशप पीसी सिंह ने धर्मांतरण के बाद ईसाई धर्म अपनाया था। मुंबई में जॉन विल्सन कॉलेज एंड सोसायटी के नजदीक की जमीन पर चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआई) ने जिमखाना बनाया हुआ है। सीएनआई (चर्च ऑफ नार्थ इंडिया) के सीनेट में बिशप मेंबर था। 2017 में उसे सीनेट का मॉडरेटर चुन लिए गया। इसी दौरान मॉडरेटर की हैसियत से उसने रियाज भाटी से जिमखाना का सौदा किया था। जिमखाना को लीज पर देने के बदले बिशप ने रियाज से करीब तीन करोड़ रुपये बतौर एडवांस भी लिए थे।

रियाज भाटी की गिरफ्तारी से खुली पोल

इस बीच, मुंबई पुलिस ने एक मामले में रियाज भाटी को (Riyaz Bhati's arrest open pole)गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ और तलाशी में पुलिस को सौदे का एग्रीमेंट मिला था, जिसे बिशप ने फर्जी करार दिया था। सीनेट की मंजूरी के बिना जिमखाने को लीज पर दिए जाने का और जमीन सरकारी होने का खुलासा हुआ, इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने संबंधित एग्रीमेंट को निरस्त घोषित करते हुए शून्य कर दिया था।

जमीनों को लीज पर देकर कमाया मुनाफा

सीएनआई के रिकॉर्ड के मुताबिक, बिशप पीसी सिंह को अक्टूबर 2017 में सीनेट के 27 डायोसिस में अध्यक्ष चुना गया था। उसका कार्यकाल तीन साल का था। वर्ष 2020 में कार्यकाल खत्म होने पर कोरोना का हवाला देकर उसने स्वयं ही अपना कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा लिया। इसके बाद से अब तक चुनाव नहीं कराया गया। उल्टा बिशप ने मिशनरी की कई जमीनों को खुद के फायदे के लिए लीज पर देकर और बेचकर मुनाफा कमाया।