राजनीति : FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर हुआ पाक, भारत ने दिखाया आईना

राजनीति : FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर हुआ पाक, भारत ने दिखाया आईना
पिछले कुछ माह में FATF की एक और एजेंसी एशिया पेसेफिक ग्रुप जिसका पाकिस्तान सदस्य है, उसने पाकिस्तान का दौरा कर यह जानने की कोशिश की थी कि FATF के निर्धारित बिंदुओं में से कितने पर अब तक काम किया है। पाकिस्तान सरकार ने सितंबर में एशिया पेसेफिक ग्रुप के इस दौरे को काफी अच्छा बताया था।

20 अक्टूबर 22। आतंक के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली पेरिस स्थित संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को बुधवार (19 अक्टूबर, 2022) को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया है। जिसके बाद भारत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह आतंकवाद से लड़ाई में ये काला धब्बा है।

FATF सूची से बाहर होने के पाकिस्तान के कदम पर टिप्पणी करते हुए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक निजी टीवी चैनस से बातचीत में कहा कि हमारा पड़ोसी भारत में शांति से खुश नहीं है। दुनिया देख रही है कि कौन सा देश आतंकवाद का समर्थन कर रहा है। हमारा विदेश मंत्रालय (MEA) सतर्क है और उचित कार्रवाई करता है।

एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने निजी टीवी चैनल को बताया कि पाकिस्तान का कथित अनुपालन केवल एक दिखावा है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी शिविर अभी भी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद हैं। और मदरसे अभी भी जिहाद मॉडल पर चल रहे हैं।

बता दें कि पाकिस्तान को FATF ने जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था। FATF ने उस वक्त आतंकवाद को होने वाली गलत फंडिंग, अनियमितता, जांच में कमी, गैर सरकारी संस्थानों में मनी लाड्रिंग को विश्व के वित्तीय सिस्टम के लिए बड़ा खतरा माना था। FATF ने पहले पाकिस्तान को 27 बिंदुओं पर काम करने को कहा था। इसके बाद इन बिंदुओं को बढ़ा कर 34 और फिर 40 तक कर दिया गया था।

जानिए ग्रे लिस्ट में होने से संबंधित देश पर क्या पड़ता है प्रभाव

बता दें, ग्रे लिस्ट में होने से किसी देश की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वित्तीय प्रणाली तक पहुंच प्रतिबंधित हो जाती है। देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक जैसे बहुपक्षीय संगठनों से ऋण प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। FATF की ग्रे लिस्ट में होना देशों के लिए सुधारात्मक उपाय करने की चेतावनी है, ऐसा न करने पर उन्हें कड़ी ‘FATF ब्लैक लिस्ट’ में डाल दिया जाता है।सूची में शामिल 23 देशों में सीरिया, तुर्की, म्यांमार, फिलीपींस, दक्षिण सूडान, युगांडा और यमन शामिल हैं।

जुलाई, 1989 में हुई थी FATF की स्थापना

एफएटीएफ की स्थापना जुलाई 1989 में पेरिस में जी -7 शिखर सम्मेलन द्वारा की गई थी। शुरुआत में इस संस्था का काम मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों से निपटने के उपायों की जांच करना था, लेकिन अमेरिका में 9/11 हमले के बाद, अक्टूबर 2001 में FATF ने आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के प्रयासों को शामिल करने के लिए अपने जनादेश का विस्तार किया और अप्रैल 2012 में इसने सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार के वित्तपोषण का मुकाबला करने के प्रयासों को जोड़ा।