आत्म निर्भर योजना के तहत स्मार्ट सिटी के साथ मिलकर शहर के प्रतिभावान युवा उद्यमी शहर विकास के लिए देंगे सुझाव

ग्वालियर स्मार्ट सिटी और ड्रीम हैचर इंक्युबेशन सेंटर के तत्वाधान में टेक प्रतियोगिता का शुभारम्भ

आत्म निर्भर योजना के तहत स्मार्ट सिटी के साथ मिलकर शहर के प्रतिभावान युवा उद्यमी शहर विकास के लिए देंगे सुझाव
शहर के ऐसे प्रगतिशील युवा जिनके पास बेहतर आइडियाज तो हैं, लेकिन आर्थिक एवं अन्य अभावों के कारण वह स्वयं को खड़ा नहीं कर पा रहे हैं। उनके लिए ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और ड्रीम हैचर इन्क्यूबेशन सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार से तीन दिवसीय टेक चैलेंज की शुरुआत महाराज बाडा स्थित टाउन हॉल में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह और निगम कमिश्नर संदीप माकिन के मुख्य आतिथ्य में उद्धघाटन सत्र से की गई। इस मौके पर स्मार्ट सिटी सीईओ जयति सिंह सहित कॉलेज, विश्वविद्यालय के युवा छात्र-छात्राएं और युवा उद्यमी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। मध्यप्रदेश शासन द्वारा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के माध्यम से युवाओं को रोजगार तथा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य को लेकर यह टेक चैलेंज आयोजित किया जा रहा है।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुये कलेक्टर श्री सिंह ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होने प्रतिभागियों को ऐसे सुझाव देने की सलाह दी, जिससे व्यापक तौर पर जनसमस्याओं को सुधारने में मदद मिल सके। श्री सिंह ने बताया कि सरकारी प्रबंधन में सुझाव शेयर करते समय विभिन्न पहलुओं और उससे जुड़े हर श्रेणी के व्यक्ति विशेष को ध्यान में रखकर सुझाव देना जरुरी है। तभी वह सुझाव महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

कार्यक्रम में निगम कमिश्नर श्री माकिन ने संबोधित करते हुए कहा कि ग्वालियर एक हेरिटेज सिटी के रुप में पहचान रखता है और ऐसे में जरुरी होता है कि प्रतिभागियों द्वारा दिये जाने वाले सुझाव में इस बात का खास ख्याल रखा जाए, जो विरासत को सहेजने के साथ ही प्रौद्योगिकी के माध्यम से किसी जनसमस्या का उचित उपाय निकालने में कारगार साबित हो।

कार्यक्रम की शुरुआत में ग्वालियर स्मार्ट सिटी की सीईओ जयति सिंह ने इस टेक चैलेंज के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की। श्रीमती सिंह ने बताया कि ग्वालियर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इंक्युबेशन “ड्रीम हैचर” परियोजना शहर में युवा एवं प्रतिभावान उद्यमियों को प्रोत्साहित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अपना रही है, जिससे युवा अपने खुद के आइडियाज को धरातल पर उतार सकें और अपने कैरियर का स्टार्टअप कर सकें। युवाओं के इस सपने को साकार करने में ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा हरसंभव मदद की जा रही है। श्रीमती सिंह ने बताया कि इस चैलेंज का उद्देश्य आईटी क्षेत्र से जुड़े लोगों को सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से शहर में जनसमस्यों को सुधारने हेतु आवश्यक सुझाव प्राप्त करना है।

प्रतियोगिता के उद्घाटन सत्र में लगभग 50 प्रतिभागियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। इस प्रतियोगिता में रजिस्ट्रेशन कराने वाले सभी प्रतिभागी 6 दिसंबर 2020 तक अपना आइडिया ऑनलाइन वेबसाइट पर दे सकेंगे। प्रतियोगिता में चुने गये पहले दस प्रतिभागियों को 15 दिवस में अपने आइडिया स्मार्ट सिटी अधिकारियों के सामने प्रस्तुत करने का मौका दिया जाएगा। इस प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वाले युवा उद्यमियों को 2 लाख रुपए तक के पुरुस्कार भी प्रदान किए जाएंगे। कुल 6 प्रतिभागियों को ये पुरुस्कार दिए जाएंगे। इसमें पहला पुरुस्कार 50000, दूसरा 30000 और तीसरा 20000 का होगा। प्रत्येक श्रेणियों में दो-दो सुझावों को यह पुरुस्कार प्रदान किए जाएंगे। इस कार्यक्रम में स्मार्ट सिटी अधिकारियों व उद्यमिता जगत में पहचान बना चुके व्यक्तियों द्वारा स्टार्टअप के बारे में परिचर्चा की गई और युवा उद्यमियों की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया। कार्यक्रम में प्रेस्टिज काँलेज से प्रिंसिपल डाँ. नविता नत्थानी, जीवाजी विश्वविद्यालय से प्रो. वीआरएस गुर्जर, आईएचएम के प्रिंसिपल डॉ. एमके दास, एमआईटीएस कॉलेज से प्रो. सीएस मालवीय, वर्चयुलेटी संस्थान के सीईओ अक्षत अग्रवाल विशेष रुप से उपस्थित थे।