ड्रेस कोड की मांग वाली याचिका पहुंची सुप्रीम कोर्ट, स्टूडेंट्स ने कहा- अगर नागा साधु कॉलेज पहुंच गए तो क्या होगा?

जनहित याचिका में ड्रेस कोड को समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए जरूरी बताया गया

ड्रेस कोड की मांग वाली याचिका पहुंची सुप्रीम कोर्ट, स्टूडेंट्स ने कहा- अगर नागा साधु कॉलेज पहुंच गए तो क्या होगा?

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में स्टूडेंट्स ने देशभर के स्कूल-कॉलेजों में वन ड्रेस कोड लागू करने की मांग की है। लॉ स्टूडेंट निखिल उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें ड्रेस कोड को समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए जरूरी बताया गया है। याचिकाकर्ता ने इस पर जल्द सुनवाई की मांग की है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि स्कूल ज्ञान, रोजगार और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए हैं, न कि धार्मिक प्रथाओं का पालन करने के लिए। अगर आने वाले समय में नागा साधुओं ने कॉलेज में एडमिशन लिया और धार्मिक परंपरा का हवाला देते हुए बिना कपड़ों के ही क्लास में पहुंच गए, तो क्या होगा? याचिका में कहा गया है कि देशभर के शिक्षण संस्थानों में जातिवाद, साम्प्रदायिकता, कट्टरता और अलगाववाद का खतरा कम करने के लिए कॉमन ड्रेस कोड लागू करना जरूरी है। इसके लिए केंद्र से एक न्यायिक आयोग या एक विशेषज्ञ समिति का गठन करने का निर्देश देने की मांग की गई है। इस समिति का काम छात्रों में एकता को बढ़ावा देना होगा। याचिकाकर्ता ने गुहार लगाई है कि केंद्र और राज्यों को निर्देश जारी किया जाए कि वह शैक्षणिक संस्थानों के लिए ड्रेस कोड लागू करें। जातिवाद, सांप्रदायिकता के सबसे खतरे को कम करने के लिए यह जरूरी है। इसे छात्रों में समानता की भावना आएगी, क्योंकि स्कूल ऐसे स्थान हैं जहां किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए।