कई देशों के फाइटर planes को कड़ी टक्कर दे रहा भारत का यह विमान

कई देशों के फाइटर planes को कड़ी टक्कर दे रहा भारत का यह विमान
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन ने बताया कि चीन के JF-17 जेट, दक्षिण कोरिया के FA-50 और रूस के मिग-35 के साथ-साथ याक-130 से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद मलेशिया ने भारतीय विमानों को चुना है।

5 जुलाई 22। भारत में बने स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस (Tejas Light Combat Aircraft) को दक्षिण-एशियाई देश मलेशिया के फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए चुना गया है। भारत और मलेशिया के बीच इस फाइटर जेट की डील को लेकर बातचीत जारी है। मलेशिया के फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए आयोजित प्रतियोगिता में चीन का JF-17, दक्षिण कोरिया का FA-50 और रूस का Mig-35 और Yak-130 प्लेन शामिल थे। तेजस ने इन सबको पछाड़कर पहला स्थान हासिल किया है।

दरअसल, दक्षिण पूर्व एशियाई देश अपने पुराने लड़ाकू विमानों के बेड़े को बदलने की सोच रहा है। ऐसे में भारत का तेजस हल्का लड़ाकू विमान मलेशिया के लिए टॉप पसंद के रूप में उभरा है। जिसके बाद दोनों देश इस डील पर बातचीत कर रहे हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन ने बताया कि चीन के JF-17 जेट, दक्षिण कोरिया के FA-50 और रूस के मिग-35 के साथ-साथ याक-130 से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद मलेशिया ने भारतीय विमानों को चुना है।

भारत ने दिया MRO का ऑफर: इस डील के तहत भारत मलेशिया को MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल) का ऑफर भी दे रहा है। जिसके तहत मलेशिया में ही एक फैसिलिटी बनाई जाएगी जहां भारतीय इंजीनियर तेजस समेत रूसी सुखोई Su-30 फाइटर जेट की भी मरम्मत करेंगे। दरअसल, यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से रूस के अंतरराष्ट्रीय डील पर लगे प्रतिबंध की वजह से मलेशिया अभी रूस से मदद नहीं ले सकता है।

इस लड़ाकू विमान को बनाने वाली कंपनी HAL के मैनेजिंग डायरेक्टर आर माधवन ने कहा कि मैं इस बात को लेकर बेहद खुश हूं और काफी हद तक निश्चिंत हूं कि हम ये डील जरूर करेंगे। यह बातचीत लगभग अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा, “हम एकमात्र देश हैं जो उन्हें रूस के अलावा उनके सुखोई-30 विमानों के लिए सपोर्ट की पेशकश कर रहे हैं। हम इकलौते हैं जो उन्हें सुखोई बेड़े के लिए भी आवश्यक समर्थन कर सकते हैं।”

चीन का फाइटर जेट भी नहीं टिकता सामने: आर माधवन ने आगे कहा, “हमारा तेजस अपने प्रतियोगियों से कई मामलों में बेहतर है। चीन का JF-17 फाइटर जेट तेजस से सस्ता है लेकिन वह तेजस Mk-IA वैरिएंट की खासियतों के आगे कहीं नहीं टिकता। हमारा तेजस कोरिया और चीन के फाइटर जेट्स से कई गुना बेहतर, तेज, घातक और अत्याधुनिक है।” उन्होंने कहा कि चीनी JF-17 सस्ता था, लेकिन तेजस Mk-IA के तकनीकी मापदंडों और भारत की तरफ से प्रस्तावित Su-30 बेड़े के रखरखाव की पेशकश से मेल नहीं खा सकता था।