तुर्की ने लटकाई रूस से डर रहे स्वीडन और फिनलैंड की नाटो मेम्बरशिप

तुर्की ने लटकाई रूस से डर रहे स्वीडन और फिनलैंड की नाटो मेम्बरशिप
माना जा रहा है कि हंगरी जल्द ही फिनलैंड और स्वीडन की सदस्यता वाले दस्तावेज को मान्यता दे देगा। फिनलैंड के राष्ट्रपति साउली नीनिस्टो ने एक ट्वीट किया कि फिनलैंड हंगरी के समर्थन को लेकर आश्वस्त है। यह ट्वीट हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टोर ओरबान से मुलाकात के बाद किया गया।

4 नवंबर 22। तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने नाटो में जल्द शामिल होने की उम्मीद कर रहे स्वीडन और फिनलैंड की इच्छा पर फिर से ठंडा पानी डाल दिया है। तुर्क विदेश मंत्री ने कहा कि इन दोनों देशों ने नाटो में शामिल होने के लिए जरूरी सारी शर्तें पूरी करनी हैं। इस्तांबुल में नाटो महासचिव येंस स्टॉल्टेनबर्ग के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कावुसोग्लू ने कहा, "दोनों देश मेमोरंडम के प्रति वचनबद्धता दिखा रहे हैं, लेकिन जरूरी है उसे अमल में लाना।"

फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद फिनलैंड और स्वीडन की सुरक्षा चिंताएं बढ़ गईं। लंबे समय तक तटस्थता की नीति अपनाने वाले इन दोनों देशों ने मई में नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू की। तुर्की शुरुआत से ही दोनों की सदस्यता का विरोध कर रहा है। तुर्की का आरोप है कि स्वीडन और फिनलैंड वांटेड कुर्द उग्रवादियों को पनाह देकर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।

इन आरोपों के बाद तुर्की, स्वीडन और फिनलैंड के बीच जून में एक समझौता भी हुआ। इस समझौते के तहत दोनों देशों ने तुर्की में वांटेड संदिग्ध आतंकवादियों को प्रत्यर्पित करने पर हामी भरी। साथ ही उन्होंने अंकारा पर लगाया गया अनाधिकारिक हथियार बिक्री बैन भी हटाने का वादा किया। इस समझौते के बाद स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल होने का रास्ता काफी हद तक साफ हो गया। नाटो की नियमावली के मुताबिक नया सदस्य बनाने के लिए सभी 30 सदस्यों की सहमति जरूरी है।

हालांकि तुर्की अब भी अड़ा है। कावुसोग्लू के मुताबिक उनकी शिकायतें स्वीडन को लेकर हैं। स्वीडन में बड़ी संख्या में कुर्द रहते हैं। कुर्दों के लिए अलग देश की मांग करने वाले कुर्द संगठन, कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) को तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय संघ आतंकवादी मानते हैं। तटस्थता की नीति और राजनीति निर्वासन के प्रति उदार रहने वाले स्वीडन में पीकेके के कई सदस्य शरणार्थी बनकर रह रहे हैं।