भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले पाक आतंकी की ढाल क्यों बना है चीन?

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के साथ ही आतंकवाद पर भी रिश्ते बिगड़ते नजर आ रहे है। चीन अब आतंकी इंडियन एयरलाइंस हाइजैकिंग के मास्टर माइंड अब्दुल रऊफ असगर को लेकर अड़ंगा लगा रहा है। वहीं दूसरी तरफ भारत के विदेश मंत्री ने भी सीमा पर हालात ठीक नहीं होने की बात कही थी।

भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले पाक आतंकी की ढाल क्यों बना है चीन?
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक दिन पहले कहा था कि भारत लगातार अपने इस रुख पर कायम है कि अगर चीन ने सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग की, तो इसका असर द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा।

14 अगस्त 22।  भारत और चीन (India China) के बीच लद्दाख (Ladakh) झड़प के बाद से सीमा पर हालात ठीक नहीं(not good at border) है। इसी बीच चीन अब भारत समेत दुनिया के लिए बड़ा खतरा बने आतंकियों (Terrorist) को ब्लैक लिस्ट करने में भी रोड़ा अटकाता नजर आ रहा है। 1998 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान संख्या 814 की हाइजैकिंग का मास्टरमाइंड अब्दुल रऊफ असगर (Abdul Rauf Asgar) पर चीन का स्टैंड साफ नहीं है। दरअसल चीन ने रऊफ को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने में अड़ंगा लगा रहा है। इस मामले में सवाल पूछे जाने पर चीन के राजदूत सन वीडांग ने कहा कि रऊफ को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने से पहले उसे जांच और विचार के लिए और समय चाहिए।

दरअसल अब्दुल रऊफ असगर पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद संस्थापक मसूद अजहर (Masood Azhar) का भाई है। दोनों पर कई आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के आरोप लग चुका है। भारत के साथ ही अमेरिका भी इन्हें यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के पक्ष में है। लेकिन हर बार पाकिस्तान का करीबी चीन वीटो पावर का इस्तेमाल कर ऐसा नहीं होने दे रहा है। वहीं सवाल करने पर चीन के राजदूत ने इसे एक साधारण प्रक्रिया बताया है। साथ ही कहा कि चीन आतंकवाद का विरोध में खड़ा है।

भारत चीन सीमा पर सब सामान्य होने का दावा

चीन के राजदूत सन वीडांग ने दावा किया कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति सामान्य है। चीन की सीमा पर सभी गतिविधियां तय समझौते के दायरे में ही हो रही है। वीडांग ने ये बात एलएसी पर चीन के विमानों की गतिविधियों के बढ़ने के सवाल कही।

एस. जयशंकर ने कहा था सीमा पर सब ठीक नहीं (not good at border)

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक दिन पहले कहा था कि भारत लगातार अपने इस रुख पर कायम है कि अगर चीन ने सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग की, तो इसका असर द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा। जयशंकर ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा था कि कमांडर स्तर पर हमारी 15 दौर की बातचीत हुई है। दोनों पक्षों के उन स्थानों से पीछे हटने के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जहां वे बहुत करीब हैं। उन्होंने कहा कि अभी भी कुछ जगहें हैं, जहां वे पीछे नहीं हटे हैं। जयशंकर दो साल पहले लद्दाख में झड़प के बाद चीन के साथ रिश्तों में तनाव से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे। जयशंकर ने कहा, मैंने 2020 और 2021 में कहा है और 2022 में भी कह रहा हूं कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं। यदि सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं है तो यह (संबंध) सामान्य नहीं रह सकते और सीमा की स्थिति अभी सामान्य नहीं है।

दो सर्दियों से वहीं डटी है सेना

उन्होंने कहा कि सीमा की स्थिति एक बड़ी समस्या बनी हुई है क्योंकि सेना पिछली दो सर्दियों से वहां डटी हुई है। विदेश मंत्री ने कहा कि यह बहुत तनावपूर्ण स्थिति है और यह एक खतरनाक स्थिति भी हो सकती है, इसलिए हम बातचीत कर रहे हैं।