अपराध : बच्चियों को किडनैप कर दवाओं से बनाते हैं जवान, फिर कर देते नीलाम
30 अक्टूबर 22। राजस्थान के कई इलाकों में आज भी लड़कियों की नीलामी होती हैं। बच्चियों का सौदा किया जाता है। दबाव बनाने के लिए महिलाओं से दुष्कर्म और स्टाम्प पेपर पर खरीद - फरोख्त होती है। देर से ही सही एक दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी चुप्पी तोड़ी और मामले की जांच पड़ताल की बात कर सच तक पहुंचने और कारगुजारी करने वालों को नहीं बख्शने की बात कही। राष्ट्रीय महिला आयोग, विपक्षी दल, सामाजिक संगठनों ने भी पूरजोर आवाज उठाई। सच क्या है? जानने के लिए राजस्थान राज्य महिला आयोग ने जिला कलेक्टर और एसपी से रिपोर्ट भी तलब की। शनिवार को पुलिस के मुखिया डीजीपी एमएल लाठर और जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए कई खुलासे किए।
पुलिस के अनुसार बच्चियों और महिलाओं को आरोपी भीलवाड़ा और अजमेर के अड्डों पर पहुंचाते हैं। इन अड्डों में भीलवाड़ा का इटुन्दा, पंढेर और हनुमान नगर शामिल हैं। वहीं अजमेर के सांवर थाना क्षेत्र का नापाखेडा और जसवंत नगर में भी वेश्यावृत्ति के अड्डा संचालित हो रहा था। इन्हीं अड्डों पर किडनैप कर लाई गई बच्चियों को दवाओं के जरिए जवान बनाया जाता और फिर वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेला जाता है।
एक रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि स्टांप पेपर पर लड़कियों की नीलामी की जा रही है और जाति पंचायतों के फरमान पर महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान राज्य महिला आयोग ने इस बारे में प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट पर भीलवाड़ा जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से लड़कियों की नीलामी को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
राजस्थान के पुलिस महानिदेशक पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने शनिवार को कहा कि 'पहले कुछ समाज विशेष में घर की महिलाओं से वेश्यावृत्ति कराए जाने जैसी सामाजिक कुरीति व्याप्त थी। वर्तमान में राजस्थान पुलिस की ओर से ऐसी अनैतिक गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखकर इन घटनाओं पर काफी हद तक नियंत्रण किया जा चुका है। इन अवांछित गतिविधियों के संबंध में सूचना प्राप्त होते ही पुलिस ने तुरंत विधिक कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।'