आमजन को राहत: दो साल तक के लिए लोन की किस्त में मिल सकती मोहलत, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल
आमजन और कॉरपोरेट सेक्टर के लिए सर्वोच्च न्यायालय से राहतभरी खबर आने की उम्मीद है, क्योंकि केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोन मोरेटोरियम (किस्त चुकाने में मोहलत) की सुविधा को दो साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है। केंद्र सरकार की ओर से मोरेटोरियम मामले को लेकर सोमवार को ही हलफनामा जमा कर दिया गया था। इस पर बेंच ने कहा कि उसे अभी हलफनामा नहीं मिला है। इसलिए बेंच ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। अब बुधवार को सुनवाई होगी।
ब्याज माफी मामले पर सुनवाई कल
सुप्रीम कोर्ट में छह महीने की मोरेटोरियम अवधि की ब्याज माफी को लेकर भी याचिका दायर की गई है। इस मामले की सुनवाई भी जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही है। इस मामले में भी बेंच ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। मंगलवार को इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई। अब इस मामले की सुनवाई भी बुधवार को ही होगी।
31 अगस्त को समाप्त हो चुका है लोन मोरेटोरियम
आरबीआई ने मार्च में तीन महीने के लिए मोरेटोरियम सुविधा दी थी। यह सुविधा एक मार्च से 31 मई तक तीन महीने के लिए लागू की गई थी। बाद में आरबीआई ने इसे तीन महीनों के लिए और बढ़ाते हुए 31 अगस्त तक के लिए कर दिया था। कुल छह महीने की मोराटोरियम सुविधा दी गई है। 31 अगस्त को यह सुविधा खत्म हो गई है।
स्बसे पहले जानें क्या है मोरेटोरियम
जब किसी प्राकृतिक या अन्य आपदा के कारण कर्ज लेने वालों की वित्तीय हालात खराब हो जाती है, तो कर्ज देने वालों की ओर से भुगतान में कुछ समय के लिए मोहलत दी जाती है। कोरोना संकट के कारण देश में भी लॉकडाउन लगाया गया था। इस कारण बड़ी संख्या में लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया था। इस संकट से निपटने के लिए आरबीआई ने छह महीने के मोरेटोरियम की सुविधा दी थी। इस अवधि के दौरान सभी प्रकार के लोन लेने वालों को किस्त का भुगतान करने की मोहलत मिल गई थी।
राहत नहीं मिली, तो सितंबर से देनी होगी लोन की किस्त
सुप्रीम कोर्ट मोरेटोरियम की अवधि नहीं बढ़ाता है तो इस सुविधा का लाभ लेने वाले सभी लोगों को सितंबर से अपने लोन की किस्त का भुगतान करना होगा। कई बैंकरों ने आरबीआई से मोरेटोरियम नहीं बढ़ाने की अपील की है।