कश्मीर मुद्दा उठाने की मांग के बीच सऊदी अरब ने पाकिस्तान को कर्ज और पेट्रोल-डीजल देने से किया इनकार

6 अरब डॉलर के लोन की सिर्फ एक किश्त चुका पाई इमरान सरकार

कश्मीर मुद्दा उठाने की मांग के बीच सऊदी अरब ने पाकिस्तान को कर्ज और पेट्रोल-डीजल देने से किया इनकार

पाकिस्तान को चीन की शह पर सऊदी अरब और यूएई की आलोचना करना भारी पड़ गया। सऊदी अरब सरकार ने साफ कर दिया है कि अब पाकिस्तान को न तो कर्ज दिया जाएगा और न ही पेट्रोल-डीजल यानी ऑयल। दरअसल, पाकिस्तान कुछ वक्त से लगातार ये मांग कर रहा है कि ये सऊदी अरब और यूएई ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) की मीटिंग बुलाएं और इसमें कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हो। सऊदी ओआईसी का अध्यक्ष है। भारत से उसके गहरे कूटनीतिक और आर्थिक रिश्ते हैं। इस कारण वो यह मांग मानने से इनकार करता रहा है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री ने हाल ही में कुछ बयान ऐसे दिए जिससे यह संकेत गया कि पाकिस्तान सऊदी को धमका रहा है। उसने चीन से 1 अरब डॉलर का कर्ज लिया और इससे सऊदी की उधारी की पहली किश्त चुकाई। हालांकि, अब भी 5.2 अरब डॉलर का कर्ज बाकी है।

इस वजह से बिगड़े रिश्ते
भारत ने जब से कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाया है, तब से पाकिस्तान की मांग रही है कि ओआईसी के देशों के विदेश मंत्रियों की इस मामले पर बैठक बुलाई जाए। लेकिन, सऊदी अरब इस मुद्दे पर तैयार नहीं है। उसने साफ तौर पर पाकिस्तान को इसके लिए मना कर दिया। इमरान खान सऊदी की आलोचना कर चुके हैं।

हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बयान में कहा था- अगर सऊदी बैठक नहीं बुला सकता तो मैं पीएम इमरान खान से उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाने के लिए कहूंगा जो कश्मीर मुद्दे पर हमारे साथ हैं। पाकिस्तान के पास विकल्प हैं।

कर्ज में डूबा है पाकिस्तान
रिश्ते बिगड़ने की एक वजह और है। सऊदी अरब ने पाकिस्तान को वर्ष 2018 में 6.2 अरब डॉलर दिए थे। इसमें 3 अरब डॉलर का लोन और 3.2 अरब डॉलर की ऑयल क्रेडिट फैसिलिटी थी। यह डील क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पाकिस्तान दौरे के समय हुई थी। हाल ही में सऊदी अरब ने पाकिस्तान से कर्ज की पहली किश्त एक अरब डॉलर (करीब 7 हजार 482 करोड़ रुपए) चुकाने को कहा था। इसके बाद पाकिस्तान को चीन से उधार लेकर सऊदी के कर्ज की पहली किश्त चुकानी पड़ी।

आर्मी चीफ ने संभाली कमान
अब पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने दोनों देशों के बीच की दूरियों को कम करने की पहल की। सोमवार को सऊदी अरब के राजदूत नवफ सईद अल-मलकी से मुलाकात की। इसके बावजूद बुधवार को सऊदी के कदम से साफ हो जाता है कि यह मुलाकात बेअसर रही।