फैट फिंगर ट्रेडिंग से एक ब्रोकरेज हाउस को लगी 250 करोड़ रुपये की चपत!

फैट फिंगर ट्रेडिंग के चलते एक ब्रोकरेज हाउस को करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। करीब एक दशक पहले भी फैट फिंगर ट्रेडिंग के चलते ही ब्रोकरेज एमके ग्लोबल को 60 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया था। जब किसी गलत बटन को दबा देने से कोई ट्रांजेक्शन हो जाती है तो उस गलती को फैट फिंगर ट्रेडिंग कहा जाता है।

फैट फिंगर ट्रेडिंग से एक ब्रोकरेज हाउस को लगी 250 करोड़ रुपये की चपत!
एनएसई के डेरिवेटिव्स सेगमेंट में गुरुवार को फैट फिंगर ट्रेडिंग की वजह से एक ब्रोकिंग हाउस कोकरीब 200-250 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। —फाइल फोटो

3 जून 22।शेयर बाजार में कई बार दूसरों की गलती से भी पैसों का नुकसान हो जाता है। गुरुवार को कुछ इसी तरह एक ब्रोकिंग हाउस को एनएसई के डेरिवेटिव्स सेगमेंट में करीब 200-250 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह सब हुआ फैट फिंगर ट्रेडिंग (Fat Finger Trading) के चलते। इसे भारत की सबसे बड़ी गलती कहा जा रहा है। करीब एक दशक पहले निफ्टी डेरिवेटिव्स में ही एक ट्रेडर की तरफ से गलत बटन दबाए जाने की वजह से ब्रोकरेज एमके ग्लोबल को 60 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया था।
क्या होती है फैट फिंगर ट्रेडिंग?
जब किसी गलत बटन को दबा देने से कोई ट्रांजेक्शन हो जाती है तो उस गलती को फैट फिंगर ट्रेडिंग कहा जाता है। यह गलती कहीं गलत जगह पर माउस क्लिक करने के चलते भी हो सकती है। शेयर मार्केट में ऐसी एक छोटी सी गलती से भी काफी बड़ा नुकसान हो सकता है। हालांकि, एक का नुकसान होने का मतलब है किसी दूसरे का फायदा। यानी भले ही एक ब्रोकरेज हाउस को भारी नुकसान हुआ हो, लेकिन कुछ लोगों को इसका फायदा भी हुआ होगा।
कब की है ये घटना
ये बात गुरुवार को 2.37 बजे से 2.39 बजे के बीच की है। एक ट्रेडर ने निफ्टी कॉल ऑप्शन के करीब 25 हजार लॉट 14,500 रुपये के स्ट्राइक प्राइस बेचने का ट्रेड डाला। जिस वक्त यह गलती हुई, उस वक्त कीमत करीब 2100 रुपये थी। बता दें कि निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट के हर लॉट में 50 शेयर होते हैं। ऐसे में कंपनी का नुकसान करीब 250 करोड़ रुपये (25,000 x 50 x Rs 2,000 = 250 करोड़ रुपये) आंका जा रहा है।
किसे हुआ इस गलती का फायदा?
मार्केट प्लेयर्स मान रहे हैं कि इस गलती की वजह से कोलकाता के कम से कम दो ट्रेडर्स को तगड़ा मुनाफा हुआ है। इनमें से एक को 50 करोड़ रुपये का फायदा हुआ और दूसरे को लगभग 25 करोड़ का मुनाफा देखने को मिला। इस मामले में एनएसई ने आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन एक्सचेंज के एक अधिकारी के अनुसार यह सब ब्रोकर्स के बीच का मामला है और मुमकिन है कि जिस ब्रोकरेज हाउस को यह भारी-भरकम नुकसान हुआ है, उसके पास कोई इंश्योरेंस भी हो, जिससे उसका नुकसान कवर हो सकता है।