कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल के शिक्षा मंत्री की बेटी की बहाली रद्द की, वेतन लौटाने को कहा

कलकत्ता हाईकोर्ट एक अभ्यर्थी द्वारा दायर उस याचिका की सुनवाई कर रहा था, जिसमें दावा किया गया था कि भर्ती परीक्षा में शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी के मुक़ाबले ज़्यादा अंक लाने के बावजूद उन्हें नौकरी नहीं दी गई. अदालत ने उनकी शिक्षक नियुक्ति को रद्द करते हुए निर्देश दिया कि वह नवंबर 2018 से अभी तक प्राप्त वेतन की पूरी राशि दो किस्तों में रजिस्ट्रार के पास जमा कराएं।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल के शिक्षा मंत्री की बेटी की बहाली रद्द की, वेतन लौटाने को कहा
कलकत्ता हाईकोर्ट, जिसने पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री की बेटी के खिलाफ फैसला सुनाया।

रविवार। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी की बेटी की सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में बतौर शिक्षक नियुक्ति को शुक्रवार को रद्द कर दिया और उनको 41 महीने की नौकरी के दौरान प्राप्त सारा वेतन लौटाने के निर्देश दिए।
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने अंकिता अधिकारी को निर्देश दिया कि वह नवंबर 2018 से अभी तक प्राप्त वेतन की पूरी राशि दो किस्तों में रजिस्ट्रार के पास जमा कराएं।
अदालत ने आदेश दिया कि अंकिता अधिकारी को पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा अनुमोदित और पश्चिम बंगाल उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा नियुक्त शिक्षक न समझा जाए।
अदालत ने अगले आदेश तक अंकिता के स्कूल परिसर में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। अंकिता को वेतन की पहली किस्त सात जून तक और दूसरी किस्त सात जुलाई तक देनी है।
हाईकोर्ट एक अभ्यर्थी द्वारा दायर उस याचिका की सुनवाई कर रहा था, जिसमें दावा किया गया था कि भर्ती परीक्षा में अधिकारी की बेटी के मुकाबले ज्यादा अंक लाने के बावजूद उन्हें नौकरी नहीं दी गई।
याचिकाकर्ता बबीता सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट को बताया कि 2016 में हुई भर्ती परीक्षा में उन्होंने 77 अंक हासिल किए थे, जबकि अंकिता ने 61 अंक हासिल किए थे और वह कभी भी व्यक्तित्व परीक्षण में शामिल नहीं हुईं. इसके बावजूद अंकिता को रैंक वन देकर भर्ती किया गया।
फैसला आने के बाद बबीता सरकार ने कहा, ‘सत्य और नैतिकता की जीत हुई है। जब मैंने पहली बार लड़ाई शुरू की तो मुझे नहीं पता था कि अंकिता अधिकारी एक मंत्री की बेटी हैं। हालांकि, जब मुझे पता चला कि वह परेश अधिकारी की बेटी हैं तो मैंने हार नहीं मानी। मैंने और ताकत इकट्ठा की क्योंकि मुझे पता था कि मैं सही थी और वह गलत थीं। जज मेरे लिए भगवान के समान हैं। मुझे उम्मीद है कि सरकार जल्द ही कोर्ट के आदेश पर अमल करेगी और मुझे नौकरी मिल जाएगी।’