26 जनवरी के ट्रैक्टर परेड के लिए पुलिस व किसानों के बीच बनी सहमति, हटा रहे बेरिकेड्स, केवल 3 लोग ही एक ट्रैक्टर पर हो सकते सवार

टीकरी, सिंघु व गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे 20 हजार ट्रैक्टर, किसान नेताओं का दावा-एक लाख ट्रैक्टर परेड में होंगे शामिल

26 जनवरी के ट्रैक्टर परेड के लिए पुलिस व किसानों के बीच बनी सहमति, हटा रहे बेरिकेड्स, केवल 3 लोग ही एक ट्रैक्टर पर हो सकते सवार

दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के बीच 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड निकालने पर सहमति बन गई। अब सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर परेड की तैयारियां जोरों पर हैं। पंजाब और हरियाणा से ट्रैक्टरों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। सूत्रों के मुताबिक रविवार की रात तक टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर करीब 20 हजार ट्रैक्टर पहुंच चुके हैं। किसान नेताओं का दावा है कि 26 जनवरी की सुबह तक एक लाख ट्रैक्टर आ जाएंगे। रविवार की शाम को रूट पर सहमति बनने के बाद दिल्ली पुलिस ने टीकरी बॉर्डर से दिल्ली की तरफ आने वाली सड़क पर एक साइड से बेरिकेडिंग हटा दी है। आंदोलन स्थल से करीब एक किलोमीटर आगे सीमेंट के बेरिकेड्स और लोहे के बड़े कंटेनरों को हटाकर सड़क खाली कर दी गई है। साथ ही तय रूट पर दिल्ली पुलिस और सीआरपीए के जवानों ने भी सुरक्षा व्यवस्था संभाल ली है। परेड में सबसे ज्यादा ट्रैक्टर टीकरी बॉर्डर से ही दिल्ली में आएंगे। इसीलिए यहां व्यवस्था सबसे ज्यादा चाक-चैबंद है। पुलिस ने शर्त रखी है कि एक ट्रैक्टर पर तीन से ज्यादा लोग नहीं बैठेंगे। दूसरी चीजें तय करने के लिए किसान संगठन और पुलिस सोमवार को भी बाचतीत करेंगे। किसान परेड को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की पूरी तैयारी की गई। पुलिस ने बेरिकेड्स हटाने शुरू कर दिए थे।

किसान सोशल आर्मी के 1000 वालंटियर्स तैनात रहेंगे, मार्केट बंद रहेगा, सड़कें भी खाली होंगी
टीकरी से दिल्ली वाले रूट पर 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान सुरक्षा बलों और किसानों के अलावा कोई नहीं होगा। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक 25 जनवरी की शाम को ही सारी दुकानें बंद करवा दी जाएंगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि ताकि कुछ गड़बड़ी हो तो वाहनों और दुकानों को नुकसान न पहुंचे। टीकरी बॉर्डर के आसपास जहां किसान जुटे हैं, वह रिहायशी इलाका है, इसलिए यहां भारी सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं। परेड के तय रूट के अलावा आसपास की सड़कों पर भी डायवर्शन का प्लान तैयार किया गया है। टीकरी बॉर्डर से दिल्ली आने वाली ट्रैक्टर परेड के लिए किसान सोशल आर्मी के एक हजार वालंटियर्स भी तैनात रहेंगे। ये सूची पुलिस से भी साझा की जाएगी। इन वालंटियर्स को लीड कर रहे अजीत सिंह ने बताया कि वालंटियर्स ड्रेस कोड में होंगे। इनमें फस्र्ट एड, पानी-चाय मुहैया कराने वालों के अलावा ट्रैक्टर मैकेनिक भी होंगे। हम इसके लिए उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग भी दे रहे हैं।

ट्रैक्टरों पर 3 तरह के लगे झंडे
परेड में शामिल होने वाले ट्रैक्टरों पर तीन तरह के झंडों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें किसान संगठन, तिरंगा (राष्ट्रीय ध्वज) और खालसा पंथ का झंडा शामिल हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से ऐलान किया गया है कि कोई संगठन अपने ट्रैक्टर पर तिरंगे का इस्तेमाल भले ही न करे, लेकिन उसका अपमान नहीं करेगा। हरियाणा और यूपी से आए किसानों ने अपने ट्रैक्टरों पर किसान संगठन के साथ तिरंगा लगा रखा है। वहीं, पंजाब से आए ट्रैक्टरों पर किसान संगठन और खालसा का झंडा लगा है।

गड़बड़ी हुई तो वरिष्ठ किसान नेताओं पर होगी कार्रवाई
किसानों नेताओं से बाकायदा इस बात की गांरटी ली गई है कि परेड के दौरान कोई भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश न करे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अगर परेड के दौरान कहीं कुछ गडबड़ी हुई तो इसके लिए वरिष्ठ किसान नेता जिम्मेदार माने जाएंगे और उन पर कार्रवाई होगी। किसानों के लिए परेड के तय रूट के अलावा आसपास की सड़कों पर भी डायवर्शन का प्लान तैयार किया गया है। टीकरी बार्डर से 63 से 64 किलोमीटर, सिंघु बार्डर से 62 से 63 किलोमीटर और गाजीपुर बार्डर से 46 किलोमीटर का ट्रैक्टर रैली का रुट तय किया गया है। किसान सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर से ही दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे। पलवल और शाहजहांपुर सीमा पर बैठे किसानों को उस रूट से दिल्ली में प्रवेश की इजाजत नहीं मिलेगी। यहां बैठे किसान बदरपुर बॉर्डर से होकर आश्रम तक आना चाहते हैं, लेकिन पुलिस का कहना है कि अगर वे परेड में शामिल होना चाहते हैं तो तय रूट से ही आएं। आंदोलन के दौरान किसानों की सबसे बड़ी संख्या टीकरी बॉर्डर पर ही है। यहां करीब 32 किलोमीटर के एरिया में किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ दो महीने से जमे हैं। टीकरी बॉर्डर पर ही ट्रैक्टरों की संख्या भी सबसे ज्यादा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक टीकरी पर 10 से 12 हजार ट्रैक्टर हैं।