सोल्जर का चौंकाने वाला खुलासा-'मेजर कहता था, 'चलो मिलते हैं'
कजाकिस्तान की आर्मी से बर्खास्त एक 25 साल की लड़की ने मेजर पर यौन उत्पीड़न का सनसनीखेज आरोप लगाया है। दुनिया के तीन देशों-अमेरिका, जापान और अब कजाकिस्तान की आर्मी से यौन उत्पीड़न का मामला दुनियाभर के मीडिया में उछल गया है।
2 सितंबर 22। कजाकिस्तान की आर्मी (kazakhstan army)से बर्खास्त की गई एक 25 साल की लड़की के आरोपों से सनसनी फैल गई है। अघनीम एल्शिबाएवा का बचपन से ही ड्रीम था कि वो आर्मी में जाए। दिसंबर, 2019 को उसका यह ड्रीम साकार हुआ और वो बतौर (enlisted in the Kazakh army)कॉन्ट्रेक्टर कज़ाख सेना में भर्ती हो गई। लेकिन उनका मिलिट्री करियर मई 2022 में विवादित परिस्थितियों के चलते समय से पहले खत्म हो गया। डिफेंस मिनिस्ट्री के अनुसार, युद्ध प्रशिक्षण परीक्षण में नाकाम रहने के कारण (Aghanim was dismissed from the army)अघनीम को सेना से बर्खास्त कर दिया गया।
मेजर कहता था-मैं तुम्हारे साथ एक रात बिताना चाहता हूं
आर्मी से बर्खास्त होने के बाद एल्शिबाएवा ने आरोप लगाया था कि उसे सेना से बाहर करने के लिए मजबूर किया गया था। उसने अपने कमांडर के यौन ऑफर को खारिज कर दिया था। यही नहीं, उसने इसकी शिकायत भी सीनियर्स से कर दी थी। एल्शिबाएवा ने मेजर एर्टाई कोशानोव पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इसमें दावा है कि यह सब अल्माटी प्रांत के शेंगेल्डी के शहर में एक मिलिट्री बेस पर उसके बटालियन में शामिल होने के तुरंत बाद शुरू हुआ। एल्शिबाएवा ने लोकल मीडिया से कहा-"वह हमेशा मुझे फोन करते थे और कहते थे, 'चलो मिलते हैं' या 'मैं तुम्हारे साथ एक रात बिताना चाहता हूं।" वे मुझे अपने कार्यालय में बुलाते थे।
पूरी बटालियन के सामने यौन उत्पीड़न की धमकी देता था
एल्शिबाएवा ने कहा कि मेजर में मुझे सबके सामने गलत तरीके से पकड़ा, मैंने खुद को छुड़ाने के लिए उसे मारा। यह उत्पीड़न सबके सामने हुआ, लेकिन कमांडर के अधीनस्थों ने ऐसा दिखावा किया कि उन्होंने कुछ नहीं देखा। वहीं, हायर रैंक वालों ने दूसरी तरफ मुंह फेर लिया। दरअसल, एक ही बटालियन में 30 अन्य फीमेल सोल्जर्स और कॉन्ट्रेक्टर्स शामिल हैं, लेकिन कोई भी अपने करियर और सैलरी को लेकर मेजर के खिलाफ बोलकर जोखिम नहीं लेना चाहता है।
डिफेंस मिनिस्ट्री ने खारिज किए आरोप
एल्शिबाएवा ने सैन्य अभियोजकों और पुलिस को ऑफिसियल कम्प्लेंट्स की थीं, लेकिन 12 अगस्त को रक्षा मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि एक जांच के बाद निष्कर्ष निकला है कि पूर्व सैनिक के आरोप सही नहीं है। बयान में कहा गया, डिफेंस मिनिस्ट्री ने मामले की जांच के लिए एक स्पेशल कमिशन का गठन किया था। उसकी जांच में एल्शिबाएवा के आरोपों के सपोर्ट में कोई सबूत नहीं मिला।