सिंघु बॉर्डर को खाली करवाने पहुंचे स्थानीय लोगों की किसानों से झड़प, जमकर हुआ दोनों तरफ से पथराव

किसानों के आंदोलन वाली जगह पर भारी फोर्स तैनात है, सिंघु बॉर्डर किसान आंदोलन का सबसे बड़ा प्वाइंट

सिंघु बॉर्डर को खाली करवाने पहुंचे स्थानीय लोगों की किसानों से झड़प, जमकर हुआ दोनों तरफ से पथराव


दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर आज यानी शुक्रवार को बवाल हो गया है। दोपहर करीब 1 बजे स्थानीय लोग धरनास्थल पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए किसानों से बॉर्डर खाली करने की मांग करने लगे। इनका कहना था कि किसान आंदोलन के चलते लोगों के कारोबार ठप हो रहे हैं। करीब 1.45 बजे ये लोग किसानों के टेंट तक पहुंच गए और उनके सामान तोड़ दिए। इसके बाद किसानों और लोगों के बीच झड़प शुरू हो गई। दोनों ओर से पथराव भी हुआ। पुलिस ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ते देख लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस झड़प में कई लोगों को चोट आई है। कुछ पुलिसकर्मियों को भी गंभीर चोट लगी है। खबर है कि एक पुलिसकर्मी पर तलवार से हमला किया गया है। इससे पहले किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि केंद्र सरकार आरएसएस के लोगों को भेजकर किसानों के धरनास्थल पर माहौल बिगाड़ रही है। उन्होंने गुरुवार को दो बार ऐसा किया। कृषि कानूनों की वापसी होने तक हम वापस नहीं जाएंगे।

सिंघु बॉर्डर चारों तरफ से सील, पक्के बैरिकेड्स लगाए
सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। धरनास्थल को चारों तरफ से ब्लॉक कर पक्के बैरिकेड्स लगाए गए हैं। उधर, टीकरी बॉर्डर पर भी भारी फोर्स तैनात है। क्योंकि, ये दोनों बॉर्डर ही किसान आंदोलन के अहम प्वाइंट हैं।

मुजफ्फरनगर में आज किसान महापंचायत
ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद पुलिस पिछले 2 दिनों से एक्शन में थी। इसके चलते गुरुवार को लगा कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन शायद खत्म हो जाए। लेकिन, देर रात भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के इमोशनल दांव के बाद आंदोलन और तेज होता नजर आ रहा है। इसी सिलसिले में आज किसानों ने मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुलाई है।

राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चैधरी टिकैत से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे
किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान कर चुके राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चैधरी टिकैत से मिलने शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने कहा कि श्प्रशासन पर किसानों को हटाने का दबाव हो सकता है, लेकिन किसान हटना नहीं चाहते। किसानों का मुद्दा संसद में उठना चाहिए। वहीं आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर किसानों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। दिल्ली सरकार के दूसरे मंत्री सत्येंद्र जैन और विधायक राघव चड्ढा ने सिंघु बॉर्डर पर जाकर व्यवस्थाएं देखीं। मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बीती रात किसानों के लिए पानी और टॉयलेट्स की व्यवस्था की थी। उन्हीं इंतजामों का जायजा ले रहे हैं। 

यूपी और हरियाणा से गाजीपुर पहुंच रहे किसान
गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार शाम 4 बजे तक भारी पुलिस बल की तैनाती के बाद माहौल ऐसा बन गया था कि किसानों को घर भेज दिया जाएगा। लेकिन, आधी रात को पुलिस को लौटना पड़ा। क्योंकि, किसानों ने आंदोलन तेज करने की तैयारी शुरू कर दी थी। यूपी और हरियाणा से हजारों किसान रात में ही गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हो गए थे और आज सुबह से उनका गाजीपुर पहुंचने का सिलसिला जारी है।

टिकैत धरना खत्म करने को राजी थे, भाजपा विधायक नंद किशोर की धमकी से अड़ गए
गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत गुरुवार शाम 6 बजे अफसरों के साथ बैठक के दौरान धरनास्थल से हटने को तैयार हो गए थे। लेकिन, कुछ देर बाद भाजपा विधायक नंद किशोर की एंट्री से मामले ने यू-टर्न ले लिया। नंद किशोर अपने समर्थकों के साथ धरनास्थल के पास पहुंच गए। उन्होंने पुलिस से कहा कि आंदोलनकारियों को रविवार तक हटा लें, वरना हम हटाएंगे। इसके बाद टिकैत भड़क गए। उन्होंने कहा कि भाजपा का विधायक पुलिस फोर्स के साथ मिलकर किसानों को मारने आया है। इसलिए अब हम कहीं नहीं जा रहे। राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत ने भी कहा कि अब तीनों काले कानूनों का निपटारा करके ही लौटेंगे।

टिकैत ने रोते हुए कहा- मैं खुदकुशी कर लूंगा, देश के किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा
गाजीपुर बॉर्डर पर न्च् पुलिस ने गुरुवार शाम 4 बजे धरनास्थल को चारों तरफ से सील कर दिया। भारी पुलिस की मौजूदगी में किसानों को हटने का नोटिस थमाया गया। अफसरों ने कहा कि धरना हटाकर रहेंगे। इसका असर यह हुआ कि लाठी और गोली वाले बयानों से विवादों में आए टिकैत इमोशनल दांव खेल गए। उन्होंने रोते हुए कहा कि श्मुझे मारने की साजिश रची जा रही है। मैं खुदकुशी कर लूंगा। देश के किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा।