जबलपुर में नकली टीवी फैक्ट्री पकड़ीः सस्ते एलईडी टीवी को बना देता था ब्रांडेड, 500 एलईडी टीवी जब्त, महाकौशल-विंध्य के 18 जिलों में थी सप्लाई

आरोपी सुमित जैन के दुकान की जांच में हुआ खुलासा, गोहलपुर के शांतिनगर में 12 साल से चल रहा था गोरखधंधा

जबलपुर में नकली टीवी फैक्ट्री पकड़ीः सस्ते एलईडी टीवी को बना देता था ब्रांडेड, 500 एलईडी टीवी जब्त, महाकौशल-विंध्य के 18 जिलों में थी सप्लाई

मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में नकली ऑयल, नकली खाद व नकली घी के बाद शुक्रवार को नकली टीवी फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ। पिछले 12 साल से एक आरोपी घर में दुकान खोलकर सस्ते एलईडी टीवी के साॅफ्टवेयर की प्रोग्रामिंग बदलकर ब्रांडेड टीवी में तब्दील कर बेच रहा था। उसके ग्राहकों में जबलपुर सहित महाकौशल व विंध्य के अधिकतर रिटेलर्स और थोक डीलर्स शामिल हैं। आरोपी 32 इंच से लेकर 103 इंच की एलईडी बनाता था। आरोपी के गोदाम से 500 विभिन्न साइज का एलईडी टीवी, ब्रांडेड कंपनियों का स्टीकर, लोगो आदि जब्त हुआ है। पुलिस मुख्य आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ में जुटी है। आरोपी के घर में खुले दुकान व गोदाम में विभिन्न कंपनियों के नाम वाली एलईडी टीवी मिली।

क्राइम ब्रांच ने 500 एलईडी टीवी जब्त की 
क्राइम ब्रांच को आरोपी के बारे में गोपनीय सूचना मिली थी। शांति नगर मे पीएचई आफिस के सामने रहने वाला सुमित जैन की घर में ही सुमित इलेक्ट्रानिक के नाम से दुकान है। वह लोकल कंपनी के सस्ते एलईडी में ब्रांडेड कम्पनियों की प्रोग्रामिंग करता। फिर वह ब्रांडेड कंपनी का लोगो लगाकर बेचता था। क्राइम ब्रांच और गोहलपुर पुलिस की संयुक्त दबिश में दुकान के अंदर लैक्सर कंपनी की लगभग 500 एलईडी विभिन्न साईज में मिली। दुकान में हीं सोनी, सैमसंग, एलजी, क्राउन, आईकाॅनिक, आईवा आदि कम्पनियों के लगभग 500 छोटे बडे स्टीकर मिले हैं। लोडिंग वाहन में गत्ते के अंदर सस्ती कंपनी की एलईडी थी, लेकिन गत्ते पर कांच का सामान लिखा था। टीम जब दबिश देने पहुंची थी, तभी एक लोडिंग ऑटो में 30 लैक्सर कंपनी की सस्ती एलईडी मुम्बई से पहुंची थी। अंदर टीवी था, लेकिन गत्ते पर कांच का सामान लिखा था। सुमित जैन लैक्सर कंपनी की एलईडी टीवी में ग्राहक की मांग के अनुसार ब्रांडेड कम्पनी की प्रोग्रामिंग कर बेचता था। मौके से लैक्सर कम्पनी की 5 एलईडी टीवी में सोनी कंपनी की प्रोग्रामिंग कर और लोगो चिपकाया हुआ जब्त हुआ। पुलिस ने एक पैन ड्राइव भी जब्त किया है, इसमें विभिन्न ब्रांडेड कंपनियों की प्रोग्रामिंग है।

आरोपी के गोदाम में 100 पुराने पिक्चर ट्यूब वाली टीवी भी मिली
आरोपी के गोदाम में 100 के लगभग ब्रांडेड कंपनियों की पिक्चर ट्यूब वाली टीवी भी मिली। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि आरोपी पुरानी टीवी का पिक्चर ट्यूब निकाल कर उसे ब्रांडेड कंपनी के खोल में फिट कर ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानों पर सस्ते में बेचता था। ब्रांडेड कंपनी के नाम पर उसकी टीवी हाथों हाथ बिक जाती थी। इस ब्रांडेड कंपनी की एलईडी तैयार कर आरोपी ने अकूत संपत्ति बनाई है। उसने दो मकान बना लिए हैं। वह पूरा कारोबार कैश में करता था। 32 इंच की ब्रांडेड कंपनी की एलईडी 11 से 12 हजार में मिल रही है। आरोपी चार से पांच हजार कीमत में लैक्सर कंपनी की एलईडी टीवी मंगवाता था। गत्ते, स्टीकर आदि पर 200 रुपए खर्च करने पड़ते थे। रिटेलर्स व डीलर्स को वह एक से दो हजार रुपए का लाभ लेकर बेच देता था। रिटेलर्स व डीलर्स को दो से तीन हजार का मुनाफा मिलता था। दुकानदार भी डिस्काउंट पर ग्राहकों को इसे बेच देते थे। आरोपी के पास ब्रांडेड कंपनियों की प्रोग्रामिंग वाला साफ्टवेयर कहां से मिला, पुलिस इसकी पूछताछ में जुटी है। आरोपी ने गोदाम में वर्कशॉप भी बना रखा है, यहां पुरानी टीवी के उपकरण मिले हैं।

आरोपी प्रतिदिन 15 से 20 ब्रांडेड कंपनी के नाम से लोकल एलईडी टीवी बेचता था
सीएसपी गोहलपुर अखिलेश गौर ने बताया कि आरोपी प्रतिदिन 15 से 20 ब्रांडेड कंपनी के नाम से लोकल एलईडी टीवी की सप्लाई करता था। उसके यहां वर्कशॉप में काम करने वालों को भी पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। आरोपी हिसाब-किताब के लिए सीए को नौकरी पर रखा है। इन लोगों की इस कारोबार में क्या और कैसी भूमिका है, इसका पता लगाया जा रहा है। पुलिस उसके बैंक खाते की भी जानकारी प्राप्त करने में जुटी है। उसके गोदाम से बड़ी मात्रा में टीवी के उपकरण भी मिले हैं। आरोपी इतना शातिर था कि टीवी पर एक साल की वारंटी पीरियड वाले कार्ड पर सुमित इलेक्ट्रॉनिक नाम से सर्विस सेंटर का उल्लेख करता था। इस पर अपना मोबाइल नंबर दर्ज करता था। कोई खराबी आने पर लोग उसे ही फोन करते थे। उसकी सबसे अधिक सप्लाई कस्बाई दुकानदारों के यहां होती थी। कस्बाई दुकानों से टीवी खरीदने वाले ग्राहक बिगड़ने पर सुधरवाने भी उसी दुकानदार के यहां ले जाते हैं। इस कारण भी कोई ग्राहक नहीं समझ पाया। हालांकि पुलिस को उम्मीद है कि इस फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद पीड़ित ग्राहक सामने आ सकते हैं। अभी आरोपी को रिमांड पर लिया गया है। पुलिस इस पूरे नेटवर्क को समझने में जुटी है।